ETV Bharat / city

नोएडा की सड़कों से गायब हुई 'शक्ति', कैसे महफूज़ रहेंगी महिलाएं?

9 सितंबर 2017 को नोएडा के सेक्टर 6 में हरी झंडी दिखाकर तत्कालीन एडीजी लॉ एंड आर्डर ने नोएडा शहर में 20 शक्ति नाम से स्कूटी चलाई, शक्ति नाम से चलाई गई यह स्कूटी आधुनिक सुविधाओं से लैस थी जिसमें वायरलेस, हूटर के साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी गई थी.

नोएडा की सड़कों से गायब हुई 'शक्ति'
author img

By

Published : Oct 12, 2019, 7:47 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए नोएडा शहर में शक्ति स्कूटी उतारी गई थी. जिन पर दो महिला कॉन्स्टेबलों को सवार होकर अपने-अपने इलाके में महिलाओं की समस्या और उनके साथ होने वाले अपराध को रोकने का काम करना था. लेकिन अब ये शक्ति स्कूटी सड़कों से गायब होती दिख रही है.

बिना शक्ति कैसे होगी महिला सुरक्षा?

शक्ति स्कूटी 2 साल पहले नोएडा में चलाई गई थी. ताकि महिलाओं के साथ सड़क पर होने वाले अपराधों में कमी आ सके लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब ये स्कूटी थानों में धूल फांक रही हैं. जिस पर पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जबकि अभियान चलाने से लेकर अब तक जिले में 3 एसएसपी आ चुके हैं.

9 सितंबर 2017 को नोएडा के सेक्टर 6 में हरी झंडी दिखाकर तत्कालीन एडीजी लॉ एंड आर्डर ने नोएडा शहर में 20 शक्ति नाम से स्कूटी चलाई थी. शक्ति नाम से चलाई गई यह स्कूटी आधुनिक सुविधाओं से लैस थी जिसमें वायरलेस, हूटर के साथ ही दूसरी सुविधाएं भी दी गई थी. शक्ति अभियान का उद्देश्य था कि नोएडा में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रही लूट-पाट जैसी घटनाओं को रोका जा सके. शक्ति को झंडी दिखाकर रवाना जरूर किया गया पर 2 साल के अंदर शक्ति सड़कों से बाजारों से और मॉल्स के आसपास से नदारद हो गई.

उस पर तैनात महिला कांस्टेबल कहां गई किसी के पास कोई जवाब नहीं है, जब इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो देखा कि शक्ति नाम की स्कूटी थानों में कबाड़ बन चुकी है.

नई दिल्ली/नोएडा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए नोएडा शहर में शक्ति स्कूटी उतारी गई थी. जिन पर दो महिला कॉन्स्टेबलों को सवार होकर अपने-अपने इलाके में महिलाओं की समस्या और उनके साथ होने वाले अपराध को रोकने का काम करना था. लेकिन अब ये शक्ति स्कूटी सड़कों से गायब होती दिख रही है.

बिना शक्ति कैसे होगी महिला सुरक्षा?

शक्ति स्कूटी 2 साल पहले नोएडा में चलाई गई थी. ताकि महिलाओं के साथ सड़क पर होने वाले अपराधों में कमी आ सके लेकिन ऐसा नहीं हो सका. अब ये स्कूटी थानों में धूल फांक रही हैं. जिस पर पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है. जबकि अभियान चलाने से लेकर अब तक जिले में 3 एसएसपी आ चुके हैं.

9 सितंबर 2017 को नोएडा के सेक्टर 6 में हरी झंडी दिखाकर तत्कालीन एडीजी लॉ एंड आर्डर ने नोएडा शहर में 20 शक्ति नाम से स्कूटी चलाई थी. शक्ति नाम से चलाई गई यह स्कूटी आधुनिक सुविधाओं से लैस थी जिसमें वायरलेस, हूटर के साथ ही दूसरी सुविधाएं भी दी गई थी. शक्ति अभियान का उद्देश्य था कि नोएडा में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रही लूट-पाट जैसी घटनाओं को रोका जा सके. शक्ति को झंडी दिखाकर रवाना जरूर किया गया पर 2 साल के अंदर शक्ति सड़कों से बाजारों से और मॉल्स के आसपास से नदारद हो गई.

उस पर तैनात महिला कांस्टेबल कहां गई किसी के पास कोई जवाब नहीं है, जब इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने की तो देखा कि शक्ति नाम की स्कूटी थानों में कबाड़ बन चुकी है.

Intro:नोएडा--
नोएडा में महिलाओं के साथ हो रहे अपराध को देखते की सुरक्षा की दृष्टि से पूरे सिटी के सभी थानों पर शक्ति नाम से स्कूटी चलाई गई थी जिस पर 2 महिला कांस्टेबल रहेंगी जो अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं की समस्या और उनके साथ होने वाले अपराध को देखने का काम करेंगी साथ ही महिलाओं के साथ किसी प्रकार की कोई घटना ना हो इस पर भी उनके द्वारा नजर बनाए रखी जाएगी शक्ति 2 साल पहले नोएडा में चलाई गई पर शक्ति कहां गई सड़कों से अब दूर हो गई इसका पता ही नहीं किसी को चला वही इसपर तैनात महिलाएं कहा गई कुछ पता नही चला और गाड़ियां थानों में सड़ रही है जिस पर कोई भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है। जब कि अभियान चलाने से लेकर अबतक जिले में 3 एसएसपी आ चुके है।


Body:9 सितंबर 2017 को नोएडा के सेक्टर 6 में हरी झंडी दिखाकर तत्कालीन एडीजी लॉ एंड आर्डर ने नोएडा शहर में 20 शक्ति नाम से स्कूटी चलाई, शक्ति नाम से चलाई गई यह स्कूटी आधुनिक सुविधाओं से लैस थी जिसमें वायरलेस, हूटर के साथ ही अन्य सुविधाएं भी दी गई थी शक्ति पर 2 महिला कांस्टेबल तैनात की गई थी जो अपने-अपने क्षेत्रों के माल भीड़भाड़ वाले बाजार सुनसान जगह जहां से महिलाएं गुजरती है की सुरक्षा में लगाई गई थी, शक्ति अभियान का उद्देश्य था कि नोएडा में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रही लूट छिनैती जैसी घटनाओं को रुकने के लिए यह कारगर साबित होंगी, शक्ति को झंडी दिखाकर रवाना जरूर किया गया पर 2 साल के अंदर शक्ति सड़कों से बाजारों से और मॉल्स के आसपास से नदारद हो गई उस पर तैनात महिला कांस्टेबल कहां गई किसी के पास कोई जवाब नहीं है, जब इसकी पड़ताल ईटीवी भारत द्वारा की गई तो शक्ति नाम से चली स्कूटी की हालत यह है कि थानों में सड़ रही है उस पर लगे झाले और मिट्टी इस बात की गवाही दे रहे हैं कि इनको सालों से चलाया नहीं गया है महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाया गया या अभियान मात्र देखा जाए तो एक दिखावा बनकर रह गया जो पूरी तरह से नोएडा में फ्लॉप साबित हुआ।


Conclusion:2017 से लेकर 2019 तक गौतम बुध नगर जिले में 3 एसएसपी तैनात हो गए पर किसी ने शक्ति अभियान क्यों फ्लॉप हो गया और गाड़ियां थानों में क्यों सड़ रही हैं इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, प्रशासन द्वारा अगर इसी तरह अभियान चलाकर उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए तो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यही कहा जाएगा कि भगवान भरोसे ही चल रही है जिसका जीता जागता उदाहरण यह शक्ति अभियान है। अभियान के समय गौतमबुद्धनगर के एसएसपी लव कुमार थे उसके बाद डॉक्टर अजय पाल शर्मा आये और अभी वैभव कृष्ण है।

पीटीसी --संजीव उपाध्याय नोएडा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.