नई दिल्ली/नोएडा : गौतम बुद्ध नगर की दादरी तहसील में स्थित सादोपुर गांव इन दिनों प्रशासन की लापरवाही और उदासीनता का शिकार हो रहा है. लापरवाही का आलम यह है कि जिले में स्थित होने के बावजूद गांव के लोगों को अन्य गांवों के लोगों की तरह सरकार व प्रशासन द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं और योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इससे सादोपुर गांव के सैकड़ों जरूरतमंद लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं. संबंधित अधिकारियों से मामले की कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है. इससे ग्रामीणों में भारी रोष है.
सामाजिक कार्यकर्ता एवं सादोपुर गांव निवासी रोहित सिंह बैसोया का कहना है कि उनका गांव ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र के अन्तर्गत आता है. गांव में ग्राम पंचायत चुनाव समाप्त हो चुका हैं. इसके कारण सरकार और प्रशासन की योजनाओं को लेकर भ्रम की स्थित पैदा हो रही है. कुछ सेवाओं और योजनाओं के संबंध में प्राधिकरण से सम्पर्क करना होता है, जबकि कई योजनाएं अभी भी प्रशासन के द्वारा संचालित की जा रही हैं.
रोहित ने बताया कि गांव में सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग है जो विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन और दिव्यांग पेंशनधारी हैं. जबकि अभी भी गांव के सैकड़ों लोग पेंशन सहित अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन करना चाहते हैं, लेकिन समाज कल्याण विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर सादोपुर गांव का नाम न तो ग्रामीण क्षेत्र में शामिल किया गया है और न ही शहरी क्षेत्र में ही दर्शाया गया है. रोहित सिंह बैसोया का कहना है कि समस्या के समाधान के लिए कई बार संबंधित विभाग के अधिकारी से सम्पर्क किया गया, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला. इस संबंध में दादरी तहसील में आयोजित तहसील दिवस में मामले की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्रा से की गई.
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ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में कई बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व जिला प्रशासन से शिकायत की जा चुकी है. लेकिन अभी तक भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है. प्रशासन प्राधिकरण के लिए और प्राधिकरण प्रशासन के लिए कह कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. लेकिन ग्रामीण, सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. इस संबंध में जिला मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. जल्द ही सादोपुर गांव का नाम समाज कल्याण विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर शामिल किया जाएगा.
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