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नोएडा: 'सुबह की बजाय शाम को मिल रहा खाना', सेक्टर-19 के शेल्टर होम का है ये हाल

गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण का दावा है कि नोएडा में हजारों लोगों को लॉकडाउन के दौरान बेहतर खाना दिया जा रहा है पर जमीनी सच्चाई नोएडा के सेक्टर-19 स्थित शेल्टर होम का हाल देखकर पता चलती है.

Reality check of Noida Sector 19 Shelter Home during lockdown
नोएडा : सुबह की बजाय शाम को पहुंच रहा खाना, सेक्टर-19 शेल्टर होम के हाल
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Published : May 18, 2020, 7:47 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के चौथे फेस के शुरू होने के साथ ही मजदूरों की हालात बद-से-बदतर होती चली जा रही है. एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से पलायन कर रहे मजदूरों को बॉर्डर पर रोक कर शेल्टर होम में रखा जा रहा है. जहां प्रशासन का दावा है कि सभी को समय से खाना और नाश्ता दिया जा रहा है. इस पर जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंची तो सच्चाई पता चली.

देखिए क्या कह रहें मजदूर

शाम को मिल रहा खाना

इन शेल्टर होम में लोगों को शाम को खाना दिया जा रहा है. प्रशासन जहां बेहतर खाना दिए जाने की बात कह रहा है, वहीं खिचड़ी के सिवाय इन मजदूरों को कुछ नहीं मिल रहा. समय से खाना ना मिलने की शिकायत मिलने पर प्रशासन के अधिकारियों से जब ईटीवी भारत और एलआईयू से सवाल पूछे गए तो नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने तत्काल खाना भिजवाया. तब जाकर मजदूरों को खिचड़ी मिली और उन्होंने अपनी भूख मिटाई.

घर भेजने में लग रहे चार दिन

नोएडा पहुंच रहे मजदूरों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है. इसके बाद इन्हें बस और ट्रेन के माध्यम से उनके घर के लिए रवाना किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा लोगों को उनके घर भेजने में 3 से 4 दिन का समय लग रहा है. इस बीच जो लोग शेल्टर होम में रह रहे हैं उन्हें नोएडा में प्राधिकरण द्वारा खाने और नाश्ते की व्यवस्था करानी होती है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब नोएडा के सेक्टर-19 शेल्टर होम पहुंची तो वहां का हाल कुछ और ही था.

शाम को पहुंचा खाना

दोपहर के 2 बजे के करीब थोड़ी सी खिचड़ी आई, जो शेल्टर होम में कुछ ही लोगों को नसीब हो पाई. लोगों ने खाना न मिलने की शिकायत करना शुरू किया तो इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई. इसके बाद अधिकारियों ने तत्काल खाना भिजवाने की बात कही पर वह खाना आते-आते शाम के 4:30 बज गए. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि सुबह सिर्फ एक पैकेट बिस्किट देने के सिवाय शेल्टर होम में कुछ भी खाने को नहीं मिला है.

सेक्टर-19 में रखे गए 296 मजदूर

प्रवासी मजदूरों का यह भी कहना है कि प्रशासन अगर हमें भोजन नहीं दे सकता है, तो हमें यहां से जाने दें. हम जैसे-तैसे अपने घर चले जाएंगे. ये मजदूर एक तरफ कोरोना के डरे हुए हैं तो वहीं इनकी जेब में पैसे भी नहीं है और जहां इन्हें रखा गया है, वहां खाना भी समय से नहींं मिल रहा. मजदूर कहते हैं कि इससे अच्छा हम पैदल ही अपने घर चले जाएंगे पर यहां नहीं रहेंगे. आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-19 स्थित शेल्टर होम में 296 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है.

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के चौथे फेस के शुरू होने के साथ ही मजदूरों की हालात बद-से-बदतर होती चली जा रही है. एनसीआर के विभिन्न क्षेत्रों से पलायन कर रहे मजदूरों को बॉर्डर पर रोक कर शेल्टर होम में रखा जा रहा है. जहां प्रशासन का दावा है कि सभी को समय से खाना और नाश्ता दिया जा रहा है. इस पर जब ईटीवी भारत की टीम ने मौके पर पहुंची तो सच्चाई पता चली.

देखिए क्या कह रहें मजदूर

शाम को मिल रहा खाना

इन शेल्टर होम में लोगों को शाम को खाना दिया जा रहा है. प्रशासन जहां बेहतर खाना दिए जाने की बात कह रहा है, वहीं खिचड़ी के सिवाय इन मजदूरों को कुछ नहीं मिल रहा. समय से खाना ना मिलने की शिकायत मिलने पर प्रशासन के अधिकारियों से जब ईटीवी भारत और एलआईयू से सवाल पूछे गए तो नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने तत्काल खाना भिजवाया. तब जाकर मजदूरों को खिचड़ी मिली और उन्होंने अपनी भूख मिटाई.

घर भेजने में लग रहे चार दिन

नोएडा पहुंच रहे मजदूरों को शेल्टर होम में रखा जा रहा है. इसके बाद इन्हें बस और ट्रेन के माध्यम से उनके घर के लिए रवाना किया जा रहा है. प्रशासन द्वारा लोगों को उनके घर भेजने में 3 से 4 दिन का समय लग रहा है. इस बीच जो लोग शेल्टर होम में रह रहे हैं उन्हें नोएडा में प्राधिकरण द्वारा खाने और नाश्ते की व्यवस्था करानी होती है. लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब नोएडा के सेक्टर-19 शेल्टर होम पहुंची तो वहां का हाल कुछ और ही था.

शाम को पहुंचा खाना

दोपहर के 2 बजे के करीब थोड़ी सी खिचड़ी आई, जो शेल्टर होम में कुछ ही लोगों को नसीब हो पाई. लोगों ने खाना न मिलने की शिकायत करना शुरू किया तो इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई. इसके बाद अधिकारियों ने तत्काल खाना भिजवाने की बात कही पर वह खाना आते-आते शाम के 4:30 बज गए. प्रवासी मजदूरों का कहना है कि सुबह सिर्फ एक पैकेट बिस्किट देने के सिवाय शेल्टर होम में कुछ भी खाने को नहीं मिला है.

सेक्टर-19 में रखे गए 296 मजदूर

प्रवासी मजदूरों का यह भी कहना है कि प्रशासन अगर हमें भोजन नहीं दे सकता है, तो हमें यहां से जाने दें. हम जैसे-तैसे अपने घर चले जाएंगे. ये मजदूर एक तरफ कोरोना के डरे हुए हैं तो वहीं इनकी जेब में पैसे भी नहीं है और जहां इन्हें रखा गया है, वहां खाना भी समय से नहींं मिल रहा. मजदूर कहते हैं कि इससे अच्छा हम पैदल ही अपने घर चले जाएंगे पर यहां नहीं रहेंगे. आपको बता दें कि नोएडा के सेक्टर-19 स्थित शेल्टर होम में 296 प्रवासी मजदूरों को रखा गया है.

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