नई दिल्ली/नोएडा:
तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है।
मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है।।
मशहूर शायर अदम गोंडवी का यह शे'र नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए एकदम सटीक है. यूपी के शो विंडो कहे जाने वाले हाईटेक सिटी नोएडा (High Tech City Noida) में हर साल करोड़ों रुपये स्वच्छता के नाम पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक नोएडा से ही एक ऐसी रिपोर्ट दिखाने जा रहे हैं जो नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को शर्मिंदा करने के लिए काफी है. अगर इन अधिकारियों को अभी भी शर्म नहीं आई हो तो यह मानकर चलिए कि उनके अंदर की मानवता उन्हें खोखले शरीर को छोड़कर जा चुकी है.
यह तस्वीर नोएडा के ही सेक्टर-9 (Noida Sector 9) की है. यहां करीब 200 परिवार रहते हैं और उन्हें नित्य क्रिया के लिए रोजाना समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उसकी वजह है नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) के उदासीन अधिकारी. यहां बीते तीन सालों से सार्वजनिक शौचालय (Public Toilets) खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और यहां रहने वाले लोग प्रशासन की बाट निहार रहे हैं कि कोई अधिकारी आए और जादू कर दे ताकि उनकी दैनिक क्रियाओं के लिए उन्हें जो समस्या होती है उससे निजात पा सकें.
खंडहर हो चुके सार्वजनिक शौचालय (Public Toilets) से दूसरी समस्या यह है कि वो बदबू और कबाड़ के सबसे बड़े साधन बन गए हैं. यहां के लोगों को कितनी समस्या हो रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां रहने वाला हर शख्स सुलभ शौचालय (Sulabh shauchalaya) में जाकर दैनिक क्रियाएं कर रहा है और उसके बाद उसका डेली रूटीन शुरू होता है और उसके लिए उसे 2-5 रुपये भी खर्च करने पड़ते हैं.
ये भी पढ़ें- नोएडा पुलिस बनी बुजुर्गों की अभिभावक, चलाया 'सवेरा योजना'
नोएडा के सेक्टर-9 में रहने वाली एक महिला ने बताया कि जिन शौचालय में हम लोग जाते हैं, वह काफी दूर हैं और वहां पैसे भी लिए जाते हैं. इसके अलावा सुविधा के नाम पर न ही वहां पानी है और ना ही सफाई. साथ ही शौचालय सुबह देर से खुलता है और शाम को जल्दी बंद हो जाता है, जिसके चलते हम उसका भी सही तरीके से प्रयोग नहीं कर पाते हैं. यहां रहने वाली हर महिला और पुरुष को यह टेंशन हमेशा बनी रहती है कि ऐसा न हो शौचालय की टंकी में पानी खत्म हो जाए.
यहां के लोगों ने बताया कि इसको लेकर प्राधिकरण अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन किसी ने शौचालय बनवाने की जहमत नहीं उठाई. यहां के लोगों का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण ने कई सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सामान्य शौचालय बनवाए हैं. महिलाओं के लिए पिंक शौचालय भी बनवाए गए हैं, जहां दिन भर में औसतन 15-20 लोग जाते होंगे. प्राधिकरण को हमारी ओर भी देखना चाहिए, जहां हम करीब 200 परिवार रहते हैं.
ये भी पढ़ें- फिरोजाबाद से चलता था गैंग, कोचिंग सेंटर पर बनते थे क्लाइंट, जानिए देते थे दूसरों की जगह परीक्षा
सेक्टर-9 के रहने वाले लोग अभी जहां नित्य क्रिया के लिए जाते हैं वह काफी दूर है. इससे महिलाओं और लड़कियों को काफी समस्या होती है. यहां के रहने वाले अधिकतर लोगों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, जिसके चलते सरकारी सुलभ शौचालय का इस्तेमाल करते हैं.
इन लोगों का कहना है कि हम बीते तीन सालों से इंतजार कर रहे हैं कि हमारे घरों के नजदीक सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएं ताकि हमारी तकलीफ खत्म हो जाए. अब देखते नोएडा प्राधिकरण कब तक इन गरीबों की समस्याओं को खत्म करता है और यहां की महिलाओं और पुरुषों के चेहरों पर मुस्कान लाता है.