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'पीजी के सभी बच्चों को निकाल देंगे तो वो कहां जाएंगे', एसोसिएशन ने किया विरोध प्रदर्शन

नोएडा में पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने PGs पर नोएडा अथॉरिटी की लगातार हो रही कार्रवाई का विरोध किया है. उनका कहना है कि नोएडा अथॉरिटी ने गेस्ट हाउस और धर्मशाला की व्यवस्था नहीं की है.

नोएडा में पेइंग गेस्ट एसोसिएशन ETV BHARAT
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Published : Sep 14, 2019, 3:20 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एसोसिएशन ने नोएडा में पीजी पर नोएडा अथॉरिटी की लगातार हो रही कार्रवाई का विरोध किया है.

एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा जब नीति नहीं है तो कार्रवाई और नोटिस क्यों भेजा जा रहा है.

एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की

साथ ही उन्होंने नोएडा में प्राइवेट कंपनियों की ओर से संचलिंग गेस्ट हाउस पर सवाल उठाए और कहा प्राइवेट कंपनियां शहर का माहौल खराब कर रही हैं. पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया कि नोएडा में 2,500 से ज्यादा PGs हैं.

'कार्रवाई नहीं करने का दिया था आश्वासन'
एसोसिएशन ने अथॉरिटी कि मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने गेस्ट हाउस और धर्मशाला की व्यवस्था नहीं कि है. ऊपर से PG वालों को नोटिस भेज डराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि तकरीबन ढाई महीने पहले गौतमबुद्ध नगर सांसद, तत्कालीन सीईओ आलोक टंडन और एसोसिएशन की बैठक हुई थी. जिसमें PG संचालित करने के लिए नीति बनाने और तब तक कार्रवाई नहीं करने का आश्वाशन दिया गया था. लेकिन फिर कार्रवाई शुरू कर दी हैं.

प्राधिकरण की मंशा पर सवाल
PG एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा कि अगर PGs के सभी बच्चों को निकाल देंगे तो वो कहां जाएंगे? पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि PGs को लेकर कोई नीति नहीं है. फिर भी कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में प्राधिकरण की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. एसोसिएशन ने नोएडा में पीजी पर नोएडा अथॉरिटी की लगातार हो रही कार्रवाई का विरोध किया है.

एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा जब नीति नहीं है तो कार्रवाई और नोटिस क्यों भेजा जा रहा है.

एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की

साथ ही उन्होंने नोएडा में प्राइवेट कंपनियों की ओर से संचलिंग गेस्ट हाउस पर सवाल उठाए और कहा प्राइवेट कंपनियां शहर का माहौल खराब कर रही हैं. पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया कि नोएडा में 2,500 से ज्यादा PGs हैं.

'कार्रवाई नहीं करने का दिया था आश्वासन'
एसोसिएशन ने अथॉरिटी कि मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने गेस्ट हाउस और धर्मशाला की व्यवस्था नहीं कि है. ऊपर से PG वालों को नोटिस भेज डराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि तकरीबन ढाई महीने पहले गौतमबुद्ध नगर सांसद, तत्कालीन सीईओ आलोक टंडन और एसोसिएशन की बैठक हुई थी. जिसमें PG संचालित करने के लिए नीति बनाने और तब तक कार्रवाई नहीं करने का आश्वाशन दिया गया था. लेकिन फिर कार्रवाई शुरू कर दी हैं.

प्राधिकरण की मंशा पर सवाल
PG एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा कि अगर PGs के सभी बच्चों को निकाल देंगे तो वो कहां जाएंगे? पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि PGs को लेकर कोई नीति नहीं है. फिर भी कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में प्राधिकरण की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं.

Intro:नोएडा में पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है1 एसोसिएशन ने नोएडा PG पर नोएडा अथॉरिटी की लगातार हो रही कार्रवाई का विरोध किया है। एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा जब नीति नहीं है तो कार्रवाई और नोटिस क्यों भेजा जा रहा है। साथ ही उन्होंने नोएडा में प्राइवेट कंपनियों द्वारा संचलिंग गेस्ट हाउस पर सवाल उठाए और कहा प्राइवेट कंपनियां शहर का माहौल खराब कर रही हैं।


Body:पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने बताया कि नोएडा में 2,500 से ज़्यादा PG हैं।

उन्होंने अथॉरिटी कि मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि नोएडा अथॉरिटी ने गेस्ट हाउस और धर्मशाला की व्यवस्था नहीं कि है और ऊपर से PG को नोटिस भेज डराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि तकरीबन ढाई महीने पहले गौतमबुद्ध नगर सांसद, तत्कालीन सीईओ आलोक टंडन और एसोसिएशन की बैठक हुई, जिसमें PG संचालित करने के लिए नीति बनाने और तब तक कार्रवाई नहीं करने का आश्वाशन दिया गया था लेकिन फिर कार्रवाई शुरू कर दी हैं।


Conclusion:PG एसोसिएशन ने अथॉरिटी से पूछा कि अगर PG के सभी बच्चों को निकाल देंगे तो वो कहाँ जाएंगे?
पेइंग गेस्ट हाउस ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा कि PG को लेकर कोई नीति नहीं है फिर भी कार्रवाई की जा रही है, ऐसे में प्राधिकरण की।मंशा पर सवाल खड़े होते हैं।
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