नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा समेत प्रदेश के तमाम शहरों में सड़कों पर घूमने वाले आवारा मवेशी आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. सड़कों पर घूमने वाले इन छुट्टा मवेशियों से जान का खतरा बनने लगा है. आए दिन इन मवेशियों की वजह से हादसे हो रहे हैं. चाहे वो नेशनल हाइ-वे हो, शहर की दूसरी सड़कें या फिर गलियां. हर जगह ये मवेशी यातायात में बाधा पैदा करते हैं. रात के अंधेरे में कभी मवेशी वाहनों की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं, तो कभी इन्हीं मवेशियों के कारण रास्ता जाम हो जाता है. कई भीषण हादसे भी मवेशियों को बचाने की कोशिश में हो चुके हैं.
ग्रेटर नोएडा समेत कई सेक्टर और RWA के लोग आवारा पशुओं को लेकर शिकायतें कर रहे थे. जिसको देखते हुए प्राधिकरण ने जुर्माना लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. मवेशियों को पकड़ने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो और नए कैटल वाहन खरीदे हैं. जो अब इन मवेशियों को पकड़ने में काम आएंगे. साथ ही जिनके मवेशी होंगे उन पर जुर्माना भी लगेगा.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक सलिल यादव का कहना है कि अगर किसी को आवारा गोवंश दिखे तो दोनों वाहनों के चालकों को सूचना दे सकते हैं. एक वाहन पर तैनात चालक राहुल का मोबाइल नंबर 7503607847 है. दूसरे वाहन पर तैनात चालक शिव भाटी का मोबाइल नंबर 9718542072 है. ये टीमें मौके पर पहुंचकर उन गौवंशों को पकड़कर गौशालाओं में छोड़ेंगे. अगर चोटिल मवेशी मिलें तो उनका इलाज भी कराया जाएगा. चोटिल गोवंशों के इलाज की भी व्यवस्था की गई है.
पशुपालन कर रहे लोगों से भी प्राधिकरण ने अपील की है कि वह अपने गोवंशों को इधर-उधर न छोड़ें, उनकी देख-रेख करें. अगर कोई व्यक्ति गोवंशों को निराश्रित बनाकर सड़कों पर छोड़ता पाया गया तो उसके खिलाफ भारी जुर्माना लगाया जाएगा और कार्यवाही भी होगी।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण और एसीईओ दीप चंद्र ने दोनों वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये दोनों कैटल वाहन पहले से अधिक सुविधा युक्त हैं. इनमें हाइड्रोलिक प्लेट फॉर्म लगे हैं. जिससे गौवंशों को वाहन में चढ़ाने में आसानी होगी. ये मवेशियों के लिए पहले से अधिक सुरक्षित भी हैं. दोनों वाहनों पर 2 अलग-अलग टीमें तैनात कर दी गई हैं. सड़क पर घूमने वाले लावारिस गोवंशों को प्राधिकरण की दोनों कैटल वाहन की टीमें गौशाला तक छोड़ेंगी. दोनों टीमें अलग-अलग काम करेंगी. जख्मी जानवरों के इलाज की भी व्यवस्था की गई है.