नई दिल्ली/नोएडा : आम जनता को ट्रैफिक नियमों से वाकिफ कराने के लिए करोड़ों की लागत से नोएडा के सेक्टर 108 में साल 2007 में ट्रैफिक पार्क की शुरुआत की गई थी. साल 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इसका शिलान्यास किया था. 2020 में गौतमबुद्ध नगर जनपद को कमिश्नरी घोषित कर दिया गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रैफिक पार्क के आधे हिस्से को कमिश्नरी कार्यालय बना दिया. पार्क के आधे हिस्से में 2 साल से कमिश्नरी चल रही है, लेकिन आधे हिस्से में बचा हुआ ट्रैफिक पार्क बदहाल हो गया है.
8 एकड़ में बने नोएडा ट्रैफिक पार्क के आधे हिस्से में 2 साल से कमिश्नरी चल रही है, जहां पुलिस विभाग के आला अधिकारी बैठते हैं. दूसरी तरफ आधे हिस्से में ट्रैफिक पार्क उपेक्षा का शिकार है. इस ट्रैफिक पार्क को बनाने में 34.71 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, लेकिन अब इसका कोई पुरसानेहाल नहीं है.
पार्क के दूसरे हिस्से में बने कमिश्नर कार्यालय में साफ-सफाई से लेकर तमाम व्यवस्थाएं चुस्त और दुरुस्त हैं. जबकि दूसरे हिस्से में बदहाली पसरी हुई है.
ट्रैफिक पार्क एरिया में बच्चों के लिए बने पार्क और टॉय ट्रेन भी बदहाली का शिकार है. यहां बीते 2 सालों में कोई भी ऐसा कार्यक्रम ट्रैफिक पार्क में आयोजित नहीं हुआ. जिसके माध्यम से लोगों को ट्रैफिक के बारे में जागरूक किया जाता. यह पार्क शिलान्यास और लोकार्पण की दर्दभरी दास्तान बनकर रह गया है.
इस ट्रैफिक पार्क को 99 साल की लीज पर प्राधिकरण से जिले के ट्रैफिक विभाग ने लिया है. इस पार्क का मेंटिनेंस ट्रैफिक विभाग को ही करना है.
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ट्रैफिक पार्क के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण और ट्रैफिक विभाग के बीच एक एमओयू भी साइन हुआ है. यहां परिवहन विभाग का कार्यालय भी शिफ्ट होना था. लेकिन आज इसकी बदहाली ही इसकी पहचान है.