नई दिल्ली/नोएडा: यूपी के नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट है. ये अस्पताल सैकड़ों करोड़ की लागत से बनवाया गया था. बिल्डिंग बड़ी जरूर खड़ी कर दी गई, लेकिन वहां सुविधाओं के संबंध में देखा जाए तो महज खाना पूर्ति ही है. आए दिन अस्पताल किसी न किसी कमी के चलते चर्चा में बना रहता है.
कुछ दिनों पहले अस्पताल में लैब से संबंधित पीपीई किट नदारद रही. वहीं अब सबसे बड़ी समस्या मरीजों के लिए बनकर खड़ी है कि अस्पताल में लगी लिफ्ट करीब महीने भर से नहीं चल रही है. इसकी वजह से मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पहली मंजिल से लेकर दूसरी मंजिल तक जाने वाले मरीजों को उनके तीमारदार व्हील चेयर पर बैठा कर ले जा रहे हैं. अस्पताल की लिफ्ट खराब है, इस तरफ न अस्पताल प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही नोएडा प्राधिकरण.
एक महीने से खराब है लिफ्ट
14 अक्टूबर 2011 को उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट जो कि करीब 600 करोड़ की लागत से बना था, नोएडा के जिला अस्पताल का लोकार्पण किया था. शुरुआती दौर में यह अस्पताल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बेहतर जिला अस्पतालों में गिना जा रहा था. लेकिन दिन-प्रतिदिन इस अस्पताल की हालत बेहतर होने की जगह बद से बदतर होती चली गई.
हालात यह बनने लगे कि अस्पताल में दवाओं से लेकर सुविधाओं तक का अभाव मरीजों को झेलना पड़ा. सरकारें आईं और चली गईं, किसी ने अस्पताल की सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया. बल्कि सरकारें अस्पताल का नाम बदलने में लगी रहीं. अस्पताल में सुविधा न होने के चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण अस्पताल में करीब महीने भर से खराब पड़ी लिफ्ट है और कोई भी उस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है.
यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई बार लिफ्ट खराब हुई है. ईटीवी भारत ने पहले भी लिफ्ट खराब होने की खबर चलाई और अधिकारियों ने संज्ञान में लेकर उसे सही कराया. लेकिन फिलहाल महीने भर से लिफ्ट खराब है और मरीज और उनके तीमारदार समस्याओं का सामना कर रहे हैं. खासतौर से उन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो चलने में असमर्थ हैं, उनके तीमारदार उन्हें व्हील चेयर पर बैठा कर कड़ी मेहनत के बाद पहली या दूसरी मंजिल तक ले जा रहे हैं.