नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा शीत लहर के साथ स्मॉग की चादर से ढका हुआ है, ऐसे में लोग दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. औद्योगिक नगरी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा खतरनाक श्रेणी में हैं और अगर ऐसा ही रहा तो स्थिति और भी भयावह होगी.
दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 352 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 413 दर्ज किया गया है. ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में ग्रेप के नियमों का सख्ती से पालन में उसको अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा, ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं. जिसमें मंगलवार को AQI इस प्रकार दर्ज किया गया.
- सेक्टर 62 स्टेशन में 381 AQI
- सेक्टर 125 का स्टेशन में 415 AQI
- सेक्टर 1 में 406 AQI
- सेक्टर 116 में 381 AQI
ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
प्रदूषण के साथ ही तापमान में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. नवंबर के चौथे रविवार की सुबह ठंड का 17 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया था. जिले का न्यूनतम तापमान 6.9 डिग्री दर्ज किया गया जो 2003 के बाद नवंबर में सबसे कम तापमान है. हवा में अति सूक्ष्म कणों की मात्रा बढ़ने से सिर्फ वायु प्रदूषण बढ़ गया है. ऐसे में वायु प्रदूषण खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है.