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नोएडाः कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर का क्या है हाल, खुद सुनिए...

रियलिटी चेक के दौरान इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम पर कॉल की गई और सबसे पहले मरीज की डिटेल पूछी गई. कॉल सेंटर में बैठे लोगों ने साफ स्पष्ट कर दिया कि बेड की व्यवस्था नहीं है. हर रोज जो आकंड़े बताए जाते हैं, वो महज खोखली बातें मात्र हैं.

noida command control room reality check
रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी नहीं
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Published : Apr 26, 2021, 2:11 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : देश में 24 घंटे में 3 लाख 50 हजार कोरोना संक्रमित मिले हैं. मौत का आकंड़ा हर रोज नए रिकॉर्ड दर्ज करा रहा है. वहीं सरकार और नोएडा के जिला प्रशासन हर रोज 'All is Well' का दावा कर रहा है. लेकिन क्या वाकई में सब बढ़िया है इसका रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम नंबर 18004192211 पर कॉल कर जानकारी लेनी चाही. नंबर तो उठा लेकिन मदद नहीं मिली. कॉल सेंटर में बैठे लोगों ने साफ स्पष्ट कर दिया कि बेड की व्यवस्था नहीं है.

रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी नहीं
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जल्दी ही काट दिया फोन

जिस वक्त मरीज को सांसो की जरूरत होती है और उसके तीमारदार आस के साथ इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम को फोन लगाते हैं कि कोई मदद मिल जाए. लेकिन वह उम्मीद, नाउम्मीद हो जाती है. जब उसे महज आश्वासन मिलता है. कंट्रोल रूम को फोन लगाया गया उनको सारी इनफॉर्मेशन बताने की कोशिश की गई. लेकिन कॉल के दूसरे तरफ बैठे व्यक्ति के पास वक्त की भारी किल्लत है. बिना डिटेल लिखे फोन काट दिया.

ये भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा: लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस ने की कार्रवाई

रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी नहीं


कंट्रोल रूम में जब कॉल कर रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि इंजेक्शन की शॉर्टेज है. फिलहाल अभी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में समझा जा सकता है कि न ऑक्सीजन, न बेड, न रेमडेसिवीर इंजेक्शन. आखिर क्यों सब ठीक होने की बात को दोहरा कर लोगों को ठगा जा रहा है.

नई दिल्ली/नोएडा : देश में 24 घंटे में 3 लाख 50 हजार कोरोना संक्रमित मिले हैं. मौत का आकंड़ा हर रोज नए रिकॉर्ड दर्ज करा रहा है. वहीं सरकार और नोएडा के जिला प्रशासन हर रोज 'All is Well' का दावा कर रहा है. लेकिन क्या वाकई में सब बढ़िया है इसका रियलिटी चेक करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम नंबर 18004192211 पर कॉल कर जानकारी लेनी चाही. नंबर तो उठा लेकिन मदद नहीं मिली. कॉल सेंटर में बैठे लोगों ने साफ स्पष्ट कर दिया कि बेड की व्यवस्था नहीं है.

रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी नहीं
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जल्दी ही काट दिया फोन

जिस वक्त मरीज को सांसो की जरूरत होती है और उसके तीमारदार आस के साथ इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम को फोन लगाते हैं कि कोई मदद मिल जाए. लेकिन वह उम्मीद, नाउम्मीद हो जाती है. जब उसे महज आश्वासन मिलता है. कंट्रोल रूम को फोन लगाया गया उनको सारी इनफॉर्मेशन बताने की कोशिश की गई. लेकिन कॉल के दूसरे तरफ बैठे व्यक्ति के पास वक्त की भारी किल्लत है. बिना डिटेल लिखे फोन काट दिया.

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रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी नहीं


कंट्रोल रूम में जब कॉल कर रेमडेसिवीर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली गई, तो उन्होंने कहा कि इंजेक्शन की शॉर्टेज है. फिलहाल अभी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में समझा जा सकता है कि न ऑक्सीजन, न बेड, न रेमडेसिवीर इंजेक्शन. आखिर क्यों सब ठीक होने की बात को दोहरा कर लोगों को ठगा जा रहा है.

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