नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 30 चाइल्ड पीजीआई लगातार विवादों में बना हुआ है. कुछ दिन पहले जहां संस्था के डायरेक्टर डॉ. डीके गुप्ता ने अचानक इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया था, तो वहीं अब वित्त अधिकारी गंभीर आरोपों के चलते कार्यमुक्त करने का मामला सामने आया है. वित्त अधिकारी राम प्रकाश पाल को हटाकर एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. कार्यमुक्त किए गए अधिकारी पर आरोप है कि संस्था के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को उन्होंने अनावश्यक रूप से रोक रखा था.
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वित्त अधिकारी पर ये हैं आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक चाइल्ड पीजीआई के निदेशक डॉ. डी.के गुप्ता संस्था ने वित्तीय अधिकारी राम प्रकाश पाल पर बड़ी कार्रवाई की. आरोप है कि वित्त अधिकारी राम प्रकाश पाल संस्थान की महत्वपूर्ण पत्रावली को बिना किसी कारण के विलंब करने के उद्देश्य से रोका जा रहा है. जिससे कोरोना संक्रमित से पीड़ित के समुचित चिकित्सा उपचार प्रबंधन में प्रशासकीय एवं वित्तीय अवरोध उत्पन्न हो रहा है. वित्त अधिकारी पर आरोप है कि उनका व्यवहार उनके सदस्यों के प्रति आपत्तिजनक और अशोभनीय है. महिला डॉक्टर से अभद्रता के चलते वित्त अधिकारी की विशाखा कमेटी के समक्ष जांच भी चल रही है.
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गैर तकनीकी अधिकारी को सौंपा चार्ज
हालांकि चाइल्ड पीजीआई के वित्त अधिकारी का प्रभार एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष को सौंप दिया है. वित्त अधिकारी का पद पूरी तरीके से तकनीकी है. निदेशक ने एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष मुकुल जैन को वित्तीय अधिकारी का प्रभार सौंपा है. ऐसे में अब निदेशक पर सवाल उठ रहे हैं.