नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बावजूद बढ़ते प्रदूषण को रोक पाना नाकाफी हो रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 के पार पहुंच गया है. स्थिति बेहद खराब होती जा रही है. लोगों ने नोएडा अथॉरिटी की कार्यशैली पर सवाल उठाएं हैं और कहना कि पॉल्यूशन की रोकथाम पर अथॉरिटी के काम संतोषजनक नहीं है.
नोएडा में बढ़ते प्रदूषण के चलते सीपीसीबी ने स्टोन क्रेशर मशीन, कोयले से चलने वाली फैक्ट्रियां और निर्माण कार्य पर 14 नवंबर तक पूरी तरीके से रोक लगा दी है. लेकिन फिर भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
पॉल्यूशन की वजह से आंखों से आंसू गिर रहे हैं
नोएडावासी अशोक चौधरी बताते हैं कि पॉल्यूशन की वजह से काफ़ी दिक्कत हो रही है. खांसी, जुखाम और आंखों से आंसू गिरने की समस्या हो रही है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए अथॉरिटी का काम संतोषजनक नहीं, पानी का छिड़काव नाकाफी हैं.
मॉर्निंग वॉक के दौरान होती है परेशानी
वहीं एक सीनियर सिटीजन ने बताया कि मॉर्निंग वॉक करना दूर्भर हो गया है. सुबह आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत आदि की समस्या हो रही हैं. प्रदूषण की समस्या सिर्फ 15-20 दिन तक होती है, लेकिन उसके लिए भी कोई खासा इंतज़ाम नहीं किए गए हैं.
'अथॉरिटी के काम नाकाफी हैं'
फुनरवा के पदाधिकारी ऋषिपाल का कहना है कि प्रदूषण की वजह से बच्चे बुजुर्ग सभी वर्ग को समस्या हो रही है. अथॉरिटी के काम नाकाफी हैं. यूपी सरकार और पर्यावरण मंत्रालय को मिलकर इस समस्या के निस्तारण के लिए साथ आना चाहिए, ताकि लोगों को इससे निज़ात मिल सकें.
लगातार बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए नोएडा वासियों ने अपील की नोएडा अथॉरिटी ज्यादा से ज्यादा पानी का छिड़काव करें, ताकि लोगों को समस्या से निजात मिलें.