चंडीगढ़: पंजाब के दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे बलवंत सिंह राजोआना को तीन घंटे की पैरोल मिली है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने उसे बुधवार सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक की पैरोल दी है.
दरअसल, पटियाला जेल में बंद बलवंत सिंह के बड़े भाई कुलवंत सिंह राजोआना का पिछले दिनों निधन हो गया था, जिनका अंतिम अरदास बुधवार को है. यह भोग कार्यक्रम लुधियाना स्थित बलवंत सिंह राजोआना के पैतृक गांव राजोआना कलां के गुरुद्वारा मंजी साहिब में होगा.
भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बलवंत सिंह राजोआना ने पैरोल के लिए हाईकोर्ट में याचिका की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राजोआना को पुलिस हिरासत के साथ तीन घंटे की पैरोल दी है. पुलिस हिरासत में उसे लुधियाना स्थित उसके गांव ले जाया जाएगा. इससे पहले वर्ष 2022 में पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राजोआना को एक घंटे की पैरोल मिली थी.
याचिका में उसने कहा था कि उसके भाई कुलवंत सिंह राजोआना की 14 नवंबर को मौत हो गई थी, जिसके चलते 20 नवंबर को लुधियाना के गांव राजोआना कलां के गुरुद्वारा मंजी साहिब में उसका अंतिम संस्कार है. उसे अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाए. उसने याचिका में इस बात का भी जिक्र किया कि उसने पहले पटियाला जेल के अधीक्षक के समक्ष पैरोल के लिए आवेदन किया था, लेकिन आवेदन को खारिज कर दिया गया.
भाई की कनाडा में हुई थी मौत
राजोआना के बड़े भाई कुलवंत सिंह का हाल ही में कनाडा में निधन हो गया था. कुलवंत सिंह अपने बेटे से मिलने कनाडा गए थे. हाल ही उन्हें घर पर दिल का दौरा पड़ा था, बाद में उनकी मौत हो गई थी.
हत्या मामले में फांसी की सजा
मालूम हो कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर हुए बम धमाके में मौत हो गई थी. इस हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट ने 27 जुलाई 2007 को राजोआना को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. फिलहाल राष्ट्रपति के पास उसकी दया याचिका लंबित है. बलवंत सिंह पिछले तीस वर्षों से जेल में कैद है.
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