नई दिल्ली/ नोएडा: नोएडा और ग्रेटर नोएडा की वायु प्रदूषित हो गई है. दिल्ली से ज़्यादा प्रदूषित शहरों की श्रेणी में नोएडा और ग्रेटर नोएडा शामिल हैं. वायु प्रदूषण का ग्राफ बढ़ने से लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण सूचनांक ' रेड ज़ोन' यानि ख़राब श्रेणी में पिछले कई हफ्तों से है. नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 308 और ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 311 पहुंच गया है. आंकड़े सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट से लिए गए हैं.
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'नोएडा में दर्ज AQI'
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का AQI 312, सेक्टर 125 का स्टेशन काम नहीं कर रहा, सेक्टर 1 स्टेशन का AQI 304 और सेक्टर 116 का स्टेशन का काम नहीं कर रहा है. ग्रेटर नोएडा से भी ज़्यादा प्रदूषित नोएडा है.
'ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI'
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं जिसमें नॉलेज पार्क-III का AQI 312 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 310 दर्ज़ किया गया है. पिछले हफ्ते के मुकाबले प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. माना जा रहा है वायु की रफ्तार थमने से प्रदूषण का स्तर बढ़ा है.
'एनसीआर में सबसे प्रदूषित'
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का ग्राफ पिछले कई दिनों से बढ़ा हुआ है. नोएडा/ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण रेड ज़ोन में शामिल है. प्रदूषण स्तर बेहद भयावह है. हर साल सरकार एयर प्रशासन प्रदूषण की रोकथाम के लिए मास्टर प्लान तैयार करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास दिखाई नहीं देता है. 15 मार्च तक ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान)लागू है.