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देश के सबसे कम उम्र के एवरेस्ट विजेता अर्जुन वाजपेयी अब अन्नपूर्णा-1 की करेंगे चढ़ाई

भारत के सबसे कम उम्र के एवरेस्ट विजेता अर्जुन वाजपेयी अब एक और नई चुनौती के लिए तैयार हैं. 2010 में एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पर्वतारोही अर्जुन वाजपेई इस बार अन्नपूर्णा-1 के शिखर पर चढ़ने वाले हैं. अगर वो इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, तो ऐसा करने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन जाएंगे.

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Published : Mar 21, 2019, 11:36 AM IST

Updated : Mar 21, 2019, 12:53 PM IST

देश के सबसे कम उम्र के एवरेस्ट विजेता अर्जुन बाजपेयी अब अन्नपूर्णा-1 की करेंगे चढ़ाई

नई दिल्ली: इस पर्वतारोहण की शुरुआत 23 मार्च से होगी. येअभियान 40 दिनों का है. अर्जुन वाजपेयीकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन रही है. अर्जुन वाजपेयीने जब 2010 में माउंट एवरेस्ट पर विजय पाई थी, तब उनकी उम्र मात्र 16 साल की थी.

Arjun Bajpayee with his parents
अर्जुन वाजपेयी अपने माता पिता के साथ

17 साल की उम्र में अर्जुन ल्होत्से पर्वत शिखर पर विजय पाकर इस चोटी पर विजय पाने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.

कंचनजंगा की चढ़ाई में रहे थे सफल
इसके बाद अर्जुन ने कई अन्य पर्वत चोटियों पर विजय पाई, जिनमें मनास्लु पर्वत शिखर, मकालु और चोयू पर्वत के शिखरशामिल है. 2018 में अर्जुन, कंचनजंगा पर्वत जो विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा और भारत का सबसे ऊंचा पर्वत है उसके शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे. ये उनका छठवां 8000 मीटर ऊंचा का पर्वत था और यह करने वाले वेविश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.

Arjun Bajpayee
अर्जुन वाजपेयी

'इलिट ग्रुप में हो शामिल'
अर्जुन वाजपेयीकी इच्छा है कि भारत को विश्व के अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही के इलिट ग्रुप में शामिल किया जाए. इस ग्रुप में 33 लोग शामिल हैंजिन्होंने विश्व की उन सभी 14 पर्वत चोटियों के शिखर पर विजय पाई है, जो 8000 मीटर ऊंची हैं. इस सूची में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है.

अन्नपूर्णा-1 की शिखर पर विजय पाते ही अर्जुन वाजपेयी8 हजार पर्वत शिखर पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे उम्र के कम हो जाएंगे पर्वतारोही बन जाएगे.

नई दिल्ली: इस पर्वतारोहण की शुरुआत 23 मार्च से होगी. येअभियान 40 दिनों का है. अर्जुन वाजपेयीकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन रही है. अर्जुन वाजपेयीने जब 2010 में माउंट एवरेस्ट पर विजय पाई थी, तब उनकी उम्र मात्र 16 साल की थी.

Arjun Bajpayee with his parents
अर्जुन वाजपेयी अपने माता पिता के साथ

17 साल की उम्र में अर्जुन ल्होत्से पर्वत शिखर पर विजय पाकर इस चोटी पर विजय पाने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.

कंचनजंगा की चढ़ाई में रहे थे सफल
इसके बाद अर्जुन ने कई अन्य पर्वत चोटियों पर विजय पाई, जिनमें मनास्लु पर्वत शिखर, मकालु और चोयू पर्वत के शिखरशामिल है. 2018 में अर्जुन, कंचनजंगा पर्वत जो विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा और भारत का सबसे ऊंचा पर्वत है उसके शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे. ये उनका छठवां 8000 मीटर ऊंचा का पर्वत था और यह करने वाले वेविश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे.

Arjun Bajpayee
अर्जुन वाजपेयी

'इलिट ग्रुप में हो शामिल'
अर्जुन वाजपेयीकी इच्छा है कि भारत को विश्व के अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही के इलिट ग्रुप में शामिल किया जाए. इस ग्रुप में 33 लोग शामिल हैंजिन्होंने विश्व की उन सभी 14 पर्वत चोटियों के शिखर पर विजय पाई है, जो 8000 मीटर ऊंची हैं. इस सूची में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है.

अन्नपूर्णा-1 की शिखर पर विजय पाते ही अर्जुन वाजपेयी8 हजार पर्वत शिखर पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे उम्र के कम हो जाएंगे पर्वतारोही बन जाएगे.

पर्वतारोही अर्जुन बाजपेई अब एक और नई चुनौती के लिए तैयार

Noida :  एवरेस्ट की शिखर पर 2010 में पहुंचने वाले नोएडा के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही अर्जुन बाजपेई अब एक और नई चुनौतीपूर्ण चोटी अन्नपूर्णा-1 की शिखर पर चढ़ने को तैयार हैं। वे इसकी शुरुआत में 23 मार्च से करेंगे 40 दिनों के इस अभियान को यदि अर्जुन सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, तो वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन जाएंगे। अर्जुन बाजपेई की लोकप्रियता अंदाजा इस बात से लगाई जा सकती उन पर बॉलीवुड में फिल्म भी बन रही है।   

 यह तस्वीरें हैं भारत के सबसे कम उम्र के एवरेस्ट विजेता अर्जुन बाजपेई की। अर्जुन बाजपेई ने जब 2010 में माउंट एवरेस्ट पर विजय पाई थी, तब उनकी उम्र मात्र 16 साल की थी। 17 साल की उम्र में अर्जुन ने ल्होत्से पर्वत शिखर पर विजय पाकर इस चोटी पर विजय पाने वाले विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे। इसके बाद अर्जुन ने कई अन्य पर्वत चोटियों पर विजय पाई, जिनमें मनास्लु पर्वत शिखर, मकालु और चोयू पर्वत के शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे। 2018 में अर्जुन कंचनजंगा पर्वत जो विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा और भारत का सबसे ऊंचा पर्वत है उसकी शिखर पर पहुंचने में सफल रहे थे। ये उनका छठवां 8000 मीटर ऊंचा का पर्वत था और यह करने वाले वह विश्व के सबसे कम उम्र के पर्वतारोही बन गए थे।

अर्जुन बाजपेई का कहना है कि उनकी इच्छा है कि भारत को विश्व के अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही के इलिट ग्रुप में शामिल करने की है। इस ग्रुप में 33 लोग शामिल है जिन्होने विश्व के सभी 14 पर्वत चोटियों के शिखर विजय पाई है, जो 8000 मीटर ऊंची हैं। इस सूची में कोई भी भारतीय शामिल नहीं है। अन्नपूर्णा-1 की शिखर पर विजय पाते ही अर्जुन बाजपेई 8 हजार पर्वत शिखर पर पहुंचने वाले पहले भारतीय और विश्व के सबसे उम्र के कम हो जाएंगे पर्वतारोही बन जाएगे।

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Sanjeev Upadhyay
Noida
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Last Updated : Mar 21, 2019, 12:53 PM IST
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