नई दिल्ली/नोएडा: कोविड-19 महामारी ने दुनिया को हिला कर रख दिया और लॉकडाउन ने देश को. तमाम लोगों के रोजगार चले गए और नोएडा की बड़ी आबादी पलायन कर गई. इसका असर बच्चों के जन्मदर पर भी पड़ा. जनवरी की ही बात करें तो 2020 की तुलना में 2021 में बच्चों के जन्मदर में 750 की कमी आ गई.
पलायन से प्रभावित हुआ जन्मदर
नोएडा में एक बड़ी आबादी दूसरे प्रदेशों से आकर यहां बसी है. तमाम लोग किराए पर तो तमाम झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं. वे सभी यहां रोजगार के लिए आए थे. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन में नौकरियां चली गईं और जब काम-धंधे बंद हो गए तो वे अपने गांव-कस्बों की ओर लौटने लगे. इस वजह से भी जन्मदर में कमी देखी गई, क्योंकि पलायन के बाद गर्भवती महिलाओं की जचगी उनके गांव-कस्बों में हुई.
क्या कहते हैं आंकड़े
जनवरी 2020 की तुलना में जनवरी 2021 में गौतमबुद्ध नगर में बच्चों के जन्मदर में 750 की कमी आई. स्वास्थ्य विभाग से मिले डाटा के अनुसार, वर्ष 2020 में 4,555 लड़के और 2,117 लड़कियों के जन्म के साथ ही कुल 4572 बच्चों का जन्म जनवरी में हुआ था. वहीं वर्ष 2021 में जनवरी में जन्म 2002 लड़के और 1778 लड़कियों का जन्म हुआ. जिन्हें मिलाकर देखा जाए तो 3780 बच्चों का जनवरी में जन्म हुआ है. इस डाटा के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग का भी मानना है कि बच्चों के जन्मदर पर नोएडा से पलायन का प्रभाव पड़ा है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार सरकारी, निजी अस्पतालों और घर पर पैदा होने वाले बच्चों की संख्या 4572 है.
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लॉकडाउन के दौरान लोगों के पलायन के चलते जिले में जन्मदर में कमी आई है. खासकर मध्यम वर्गीय परिवार लॉकडाउन के दौरान पलायन कर गए और जनसंख्या कम होने के चलते जन्मदर में कमी आई.
दीपक ओहरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गौतमबुद्ध नगर