बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को पीएम मोदी की कथित 'लूट' के आरोप पर पलटवार किया. सिद्धारमैया ने कहा कि पीएम मोदी वोट पाने के लिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं. वह इसके खिलाफ मुकदमा दायर करने की योजना बना रहे हैं.
बेंगलुरु में कनकदास जयंती समारोह में भाग लेने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा, 'पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं. यह वोट पाने के लिए लोगों को गुमराह करने का प्रयास है. हम कानूनी पहलुओं की जांच करेंगे. हम इसके खिलाफ मुकदमा दायर करने की योजना बना रहे हैं.'
इस महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस कर्नाटक में 'लोगों को लूट रही है' और कथित तौर पर उस पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के लिए किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा, 'कर्नाटक में कांग्रेस ने झूठ बोला और लोगों से वोट देने का आग्रह किया. उन्होंने सरकार बना ली और अपने वादे पूरे नहीं किए. यही नहीं कर्नाटक में वसूली अभियान चलाए जा रहे हैं.
कर्नाटक में हर दूसरे दिन घोटाले उजागर हो रहे हैं. इसका सीधा अर्थ है कि कांग्रेस लोगों को लूटने में लगी है. कांग्रेस कथित तौर पर उसी पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र में चुनाव में रही है.
इसका मतलब है कि कांग्रेस दिनदहाड़े लोगों को लूट रही है. कथित तौर पर, कांग्रेस उसी पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने के लिए कर रही है. अगर हमें महाराष्ट्र को बचाना है, तो हमें कांग्रेस को दूर रखना होगा.
सिद्धारमैया ने केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी की आलोचना की. उन्होंने कहा, 'क्या एचडी कुमारस्वामी ने गरीबों को कोई लाभ दिया? केंद्र सरकार हमारा उचित हिस्सा नहीं दे रही है. क्या उन्होंने कर हस्तांतरण में कर्नाटक के लिए कभी बात की? नाबार्ड केंद्रीय वित्त मंत्री के अधीन आता है. मैंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री को भी ऐसा न करने के लिए पत्र लिखा था.'
इससे पहले एक नवंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा था कि कर हस्तांतरण के मामले में राज्य के साथ 'अन्याय हो रहा है'. और कहा कि राज्य करों में बहुत योगदान देता है, लेकिन बदले में उसे उचित हिस्सा नहीं मिलता है. उन्होंने बेंगलुरू में राज्योत्सव दिवस के दौरान कहा, 'आज कर्नाटक के साथ कर हस्तांतरण के मामले में अन्याय हो रहा है. हम महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर हैं. हम करों के रूप में 4 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं, लेकिन बदले में हमें कम मिल रहा है.'