ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश में तीनों सेनाओं का 9 दिनों का जॉइंट एक्सरसाइज 'पूर्वी प्रहार' का समापन हो गया. इस दौरान सेना ने रुद्र और प्रचंड जैसे फाइटर हेलीकॉप्टरों के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया. ये हेलीकॉप्टर सशस्त्र बलों की आधुनिक युद्ध क्षमताओं का अभिन्न अंग बन गए हैं.
ये अभ्यास वायु और थल सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाने में मदद करता है. युद्ध की स्थिति में कैसे चुनौतियों से निपटा जाए इसके बारे में अभ्यास कराया गया. इसमें सटीकता पर ध्यान केंद्रित किया गया. इस दौरान सशस्त्र बलों को अलग-अलग और कठिन वातावरणों में प्रभावी ढंग से काम करने के तौर तरीकों के बारे में जानकारी दी गई.
जवानों को ऊबड़-खाबड़ इलाके और विपरीत मौसम में काम करने की चुनौतियों से निपटने के लिए उनकी तैयारियों पर बल दिया गया. लड़ाकू हेलीकॉप्टर किस प्रकार से सेना को आवश्यक सहायता प्रदान करते हैं इसकी जानकारी दी गई. ये हेलीकॉप्टर लक्ष्यों पर हमला करने और उसके बारे जानकारी प्रदान करने में सक्षम होते हैं.
इस अभ्यास में सैनिकों को हेलीकॉप्टरों से अज्ञात स्थानों पर उतारा गया और कठोर प्रशिक्षण दिया गया. अभ्यास में भाग लेने वाले एक सेना अधिकारी ने पीटीआई से कहा, 'चुनौतीपूर्ण पहाड़ी इलाकों में कठोर प्रशिक्षण प्रदान किया गया. परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालने जैसे अभ्यास कराए गए. अभ्यास के दौरान निर्णय लेने के समय को कम करने और युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने में स्वार्म ड्रोन, एफपीवी ड्रोन और सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री सहित उन्नत प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर जोर दिया गया.