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एनआईए ने मणिपुर हिंसा के तीन मामलों की जांच अपने हाथ में ली - MANIPUR VIOLENCE THREE CASES

गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंप दिया गया है.

Manipur violence three cases
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 18, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Nov 18, 2024, 2:21 PM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभाली है. एजेंसी ने गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी निर्देश के बाद मणिपुर पुलिस से इन मामलों की जांच अपने हाथ में ली है. जानकारी के मुताबिक, इन तीन मामलों से जुड़ी हिंसक गतिविधियों के कारण पहाड़ी राज्य में हाल के महीनों में घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके कारण लोगों की मौत हुई है और सामाजिक अशांति फैली है.

इन मामलों में मणिपुर के जिरीबाम इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी शामिल है. गोलीबारी में कम से कम 10 कुकी उग्रवादी मारे गए. छह लोगों के अपहरण से जुड़ा एक अलग मामला एनआईए को सौंप दिया गया है. जिरीबाम में छह लोगों के अपहरण के तुरंत बाद उनके शव बरामद किए गए. एनआईए ने इस घटना के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया है.

बढ़ती अस्थिरता के जवाब में, गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए इन तीनों मामलों को मणिपुर पुलिस से एनआईए को सौंप दिया था, जो अब हिंसा की परिस्थितियों और मणिपुर में शांति और सुरक्षा पर इसके व्यापक प्रभाव की जांच का नेतृत्व करेगी. 16 नवंबर को, गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंप दिया गया है.

गृह मंत्रालय का बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है. संघर्षरत दोनों समुदायों (कुकी-जो-हमार और मैतेई) के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं. हाल ही में हुई हिंसा के बाद, सभी सुरक्षा बलों को व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.

इसके साथ ही हिंसक और विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये गये हैं. गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील ही है.

मंत्रालय ने लोगों से मणिपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया था. हिंसा के फिर से उभरने से निपटने के लिए गृह मंत्रालय महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसमें अतिरिक्त 2,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती शामिल है.

सूत्रों ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो सीएपीएफ की और कंपनियां भेजी जाएंगी. मणिपुर में हाल ही में सुरक्षा स्थिति का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. वह आज एक और उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसा से जुड़े तीन प्रमुख मामलों की जांच की जिम्मेदारी संभाली है. एजेंसी ने गृह मंत्रालय की ओर से हाल ही में जारी निर्देश के बाद मणिपुर पुलिस से इन मामलों की जांच अपने हाथ में ली है. जानकारी के मुताबिक, इन तीन मामलों से जुड़ी हिंसक गतिविधियों के कारण पहाड़ी राज्य में हाल के महीनों में घटनाएं बढ़ी हैं, जिसके कारण लोगों की मौत हुई है और सामाजिक अशांति फैली है.

इन मामलों में मणिपुर के जिरीबाम इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और कुकी उग्रवादियों के बीच गोलीबारी शामिल है. गोलीबारी में कम से कम 10 कुकी उग्रवादी मारे गए. छह लोगों के अपहरण से जुड़ा एक अलग मामला एनआईए को सौंप दिया गया है. जिरीबाम में छह लोगों के अपहरण के तुरंत बाद उनके शव बरामद किए गए. एनआईए ने इस घटना के संबंध में एक अलग मामला दर्ज किया है.

बढ़ती अस्थिरता के जवाब में, गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी करते हुए इन तीनों मामलों को मणिपुर पुलिस से एनआईए को सौंप दिया था, जो अब हिंसा की परिस्थितियों और मणिपुर में शांति और सुरक्षा पर इसके व्यापक प्रभाव की जांच का नेतृत्व करेगी. 16 नवंबर को, गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया था कि प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामलों को एनआईए को सौंप दिया गया है.

गृह मंत्रालय का बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है. संघर्षरत दोनों समुदायों (कुकी-जो-हमार और मैतेई) के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त हैं. हाल ही में हुई हिंसा के बाद, सभी सुरक्षा बलों को व्यवस्था और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.

इसके साथ ही हिंसक और विघटनकारी गतिविधियों में लिप्त होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किये गये हैं. गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील ही है.

मंत्रालय ने लोगों से मणिपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया था. हिंसा के फिर से उभरने से निपटने के लिए गृह मंत्रालय महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिसमें अतिरिक्त 2,000 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तैनाती शामिल है.

सूत्रों ने संकेत दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो सीएपीएफ की और कंपनियां भेजी जाएंगी. मणिपुर में हाल ही में सुरक्षा स्थिति का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को मणिपुर में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. वह आज एक और उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

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Last Updated : Nov 18, 2024, 2:21 PM IST
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