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नोएडा में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत, एक लाख से अ‌धिक मामलों का निपटारा

गौतम बुद्ध नगर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों पर जिला मुख्यालय व तहसील स्तर पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत में एक लाख एक हजार सात सौ 96 वादों का निस्तारण किया गया. इन वादों से 39.69 करोड़ रुपये समझौता राशि के रूप में प्राप्त हुई.

राष्ट्रीय लोक अदालत
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Published : Aug 14, 2022, 9:07 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में शनिवार काे राष्ट्रीय लाेक अदालत लगी. विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुशील कुमार (Sushil Kumar Secretary) ने बताया कि विशेष राष्ट्रीय लोक अदालत में अलग-अलग न्यायालयों के द्वारा वादो का निस्तारण किया गया जिसमें जिला जज अवनीश सक्सेना की अदालत में आपराधिक मामलों का, राजस्व न्यायालय, प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंक, बीएसएनएल, परिवहन विभाग, यातायात विभाग, वाणिज्य न्यायालय, मोटर दुर्घटना, परिवार न्यायालय, एससी/एसटी एक्ट, पोक्सो अधिनियम व फास्ट ट्रैक कोर्ट सहित जनपद स्थित न्यायालय द्वारा कुल 39792 वादों का निस्तारण किया गया.

इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार आदि समस्त विभागों से प्राप्त विवरण के अनुसार राजस्व के 21493 वाद निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 101796 मामलों का निस्तारण हुआ. राष्ट्रीय लोक अदालत (Lok Adalat in Noida) में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण आपसी सहमती के आधार पर किया जाता है. लोक अदालत में अधिवक्ता एवं वकील पर होने वाला खर्च व न्यायालय शुल्क नहीं लगता है.

इसे भी पढ़ेंः नोएडा के पुलिस कमिश्नर की अगुवाई में निकली 5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा

पक्षकारों के मध्य उत्पन्न हुए विवादों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह से हो जाता है. मुआवजा व हर्जाना आदेश के बाद जल्द मिल जाता है. यहां तक कि पुराने मुकदमों में लगा न्यायालय शुल्क वापस मिल जाता है. लोक अदालत का अवार्ड अंतिम होता है, जिसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं होती.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में शनिवार काे राष्ट्रीय लाेक अदालत लगी. विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुशील कुमार (Sushil Kumar Secretary) ने बताया कि विशेष राष्ट्रीय लोक अदालत में अलग-अलग न्यायालयों के द्वारा वादो का निस्तारण किया गया जिसमें जिला जज अवनीश सक्सेना की अदालत में आपराधिक मामलों का, राजस्व न्यायालय, प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंक, बीएसएनएल, परिवहन विभाग, यातायात विभाग, वाणिज्य न्यायालय, मोटर दुर्घटना, परिवार न्यायालय, एससी/एसटी एक्ट, पोक्सो अधिनियम व फास्ट ट्रैक कोर्ट सहित जनपद स्थित न्यायालय द्वारा कुल 39792 वादों का निस्तारण किया गया.

इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय लोक अदालत के अन्तर्गत जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर, अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी व तहसीलदार आदि समस्त विभागों से प्राप्त विवरण के अनुसार राजस्व के 21493 वाद निस्तारण किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 101796 मामलों का निस्तारण हुआ. राष्ट्रीय लोक अदालत (Lok Adalat in Noida) में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण आपसी सहमती के आधार पर किया जाता है. लोक अदालत में अधिवक्ता एवं वकील पर होने वाला खर्च व न्यायालय शुल्क नहीं लगता है.

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पक्षकारों के मध्य उत्पन्न हुए विवादों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह से हो जाता है. मुआवजा व हर्जाना आदेश के बाद जल्द मिल जाता है. यहां तक कि पुराने मुकदमों में लगा न्यायालय शुल्क वापस मिल जाता है. लोक अदालत का अवार्ड अंतिम होता है, जिसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं होती.

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