नई दिल्ली/नोएडा: कोविड-19 महामारी का कहर हर जगह दिख रहा है. शनिवार को नोएडा में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा का कोरोना के चलते निधन हो गया.
घर में अकेले रहते थे
धर्मवीर शर्मा 74 वर्ष के थे और न्यायमूर्ति के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वह मूल रूप से बुलंदशहर के डिबाई थाना क्षेत्र के दानपुर के रहने वाले हैं और इनकी उच्च शिक्षा लखनऊ में हुई थी. जानकारी के मुताबिक वे नोएडा में अकेले रह रहे थे क्योंकि उन्होंने विवाह नहीं किया था और स्वयं ही खाना बनाकर खाते थे.
राम मंदिर पर सुनाया था फैसला
राम जन्मभूमि विवाद पर 30 सितंबर 2010 को लखनऊ पीठ द्वारा ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया था, जिसमें न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा शामिल थे. धर्मवीर शर्मा 74 वर्ष के थे. इनकी तबीयत गुरुवार को बिगड़ी और शुक्रवार सुबह अचानक उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा के निधन की जानकारी जब लोगों को हुई तो उनके क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके निधन पर दुख प्रकट किया है.