नई दिल्ली/नोएडा : सुपरटेक का एमरॉल्ड कोर्ट ट्विन टावर नोएडा के सेक्टर 93 में स्थित है. जिसे तोड़ने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. ट्विन टावर में 10 अप्रैल को एडिफिस कंपनी ने ट्रायल ब्लास्ट किया था. अब पूर्ण रूप से ट्विन टावर को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
साढ़े तीन सौ मजदूरों की मदद से टावर के पिलर्स में ड्रिल मशीन के जरिए सुराख किया जा रहा है. जिसमें बारूद भरा जाएगा. ब्लास्ट के दौरान आसपास के लोग प्रभावित न हों, इसके लिए पूरे ट्विन टावर को सफेद चादर से ढकने का काम भी किया जा रहा है. साथ ही मलबे को जेसीबी से हटाया जा रहा है.
गगनचुंबी ट्विन टावर को सफेद चादर की रोल से ढकने का काम किया जा रहा है. ट्विन टावर को सबसे पहले ऊपरी मंजिल से सफेद चादर लगाने का काम शुरू किया जा रहा है.
सफेद चादर लगाने के पीछे ध्वस्तीकरण करने वाले एडिफिस कंपनी का कहना है कि ब्लास्ट के दौरान कंक्रीट और मलबा निर्धारित स्थान से दूर न जा सके.
इसके लिए मजबूती के साथ सफेद चादर लगाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही सभी पिलर्स में सुराख करने के साथ ही उन पर भी सफेद चादर लगाई जा रही है. ताकि ब्लास्ट के बाद वहां से भी कोई कंक्रीट बाहर न फैले.
ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाली कंपनी एडिफिस जिस तरीके से ट्विन टावर में काम कर रही है. उसे देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि ध्वस्त करने की निर्धारित तिथि 22 मई को ट्विन टावर ध्वस्त नहीं हो पाएगा. कंपनी के सीईओ उत्कर्ष मेहता ने इस संबंध में बताया कि निर्धारित समय से आगे का समय लग सकता है.
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ट्विन टावर तोड़ने वाले कुछ कर्मचारियों से बात करने पर सामने आया कि एक फ्लोर को पूरी तरीके से कवर करने में 3 से 4 दिन का समय लग रहा है. जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि एक लंबा समय अभी और लगेगा.