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अब मुंह से ठांय-ठांय नहीं करनी पड़ेगी! गौतमबुद्ध नगर पुलिस को मिले आधुनिक हथियार

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Published : Jan 15, 2020, 7:39 AM IST

राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर पुलिस को आधुनिक हथियार मिले हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था में प्रयोग किए जा रहे हैं.

modern weapons are used by Gautam Buddha Nagar Police
आधुनिक हथियारों से लैस हुई गौतम बुद्ध नगर पुलिस

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर पुलिस को 2019 तक वही पुरानी 3 नॉट 3 की बंदूक मिलती थी, जो एक जमाने पहले युद्ध में प्रयोग की जाती थी. अब एक जमाने बाद पुलिस को आधुनिक हथियार मिले हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था में प्रयोग किए जा रहे हैं.

आधुनिक हथियारों से लैस हुई गौतम बुद्ध नगर पुलिस

शासन द्वारा दिए गए आधुनिक असलहे थाना मोबाइल, पीसीआर और पहरे पर खड़े होने वाले संतरी के साथ ही अधिकारियों के साथ चलने वाले सुरक्षाकर्मियों को दिए गए हैं.


1914 में पहली बार हुई थी इस्तेमाल


पुलिस को अब तक थ्री नॉट थ्री की बंदूक दी जाती थी. जो कभी चलते समय फंस जाती थी या उसकी गोली मिस हो जाती थी, तब तक वारदात हो जाती थी या बदमाश फरार हो जाते थे. इसलिए इसे हटा दिया गया है. पुलिस को मिली 3 नॉट 3 बंदूक 1914 में पहली बार इस्तेमाल की गई थी.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर पुलिस को 2019 तक वही पुरानी 3 नॉट 3 की बंदूक मिलती थी, जो एक जमाने पहले युद्ध में प्रयोग की जाती थी. अब एक जमाने बाद पुलिस को आधुनिक हथियार मिले हैं, जो सुरक्षा व्यवस्था में प्रयोग किए जा रहे हैं.

आधुनिक हथियारों से लैस हुई गौतम बुद्ध नगर पुलिस

शासन द्वारा दिए गए आधुनिक असलहे थाना मोबाइल, पीसीआर और पहरे पर खड़े होने वाले संतरी के साथ ही अधिकारियों के साथ चलने वाले सुरक्षाकर्मियों को दिए गए हैं.


1914 में पहली बार हुई थी इस्तेमाल


पुलिस को अब तक थ्री नॉट थ्री की बंदूक दी जाती थी. जो कभी चलते समय फंस जाती थी या उसकी गोली मिस हो जाती थी, तब तक वारदात हो जाती थी या बदमाश फरार हो जाते थे. इसलिए इसे हटा दिया गया है. पुलिस को मिली 3 नॉट 3 बंदूक 1914 में पहली बार इस्तेमाल की गई थी.

Intro:नोएडा--
उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ ही गौतम बुध नगर पुलिस को 2019 तक वही घीसीपीटी 3 नॉट 3 की बंदूक मिली रही। जो एक जमाना पहले युद्ध में प्रयोग की गई थी। जबकि पुलिस को आधुनिक और पूरे सिस्टम को आधुनिक बनाने की बातें शासन और प्रशासन सभी करते हैं । एक जमाने बाद पुलिस को इंसास और 47 आधुनिक असलहे मिले जो सुरक्षा व्यवस्था में प्रयोग किए जा रहे हैं।


Body:किसको मिला आधुनिक असलाह--
शासन द्वारा दिए गए आधुनिक असलहे थाना मोबाइल, पीसीआर और पहरे पर खड़े होने वाले संतरी के साथ ही अधिकारियों के साथ चलने वाली सुरक्षा कर्मियों को इंसास और 47 आधुनिक असली दिए गए हैं।
कौन सा असलहा हटाया गया--
पुलिस को अब तक 1945 में दी गई, थ्री नॉट थ्री की बंदूक जो पुलिस के लिए सिर्फ एक दिखावे के नाम पर असलहा साथ रहता था । वही अपराधियों के पास आधुनिक असलहे होते है और पुलिस थ्री नॉट थ्री लेकर चलती थी। जो कभी फस जाती थी चलते समय या उसकी गोली मिस कर जाती थी। और तब तक वारदात हो जाती थी या बदमाश फरार हो जाते थे। इसलिए इसे पुलिस वालों से हटाया गया। पुलिस को मिली 3नॉट3 बंदूक 1914 में पहली बार इस्तेमाल की गई थी ।अब आप समझ सकते हैं कि कितना आधुनिक असलहा पुलिस के पास एक जमाने से चल रहा था !




Conclusion:आधुनिक असलहे से फायदा--
पुलिस को मिले इंसास और 47 आधुनिक असलहे से सबसे बड़ा फायदा यह है कि बदमाश किसी भी वारदात को करने से पहले पुलिस के असलहे को देख लेता है या उसे पता चल जाता है, तो वारदात करने से वह एक बार पीछे हट जाता है। जैसा कि इस संबंध में कुछ पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने बताया।
आधुनिक असलहा पुलिस को मिल जाने के बाद क्या अपराध और अपराधी दोनों कम हो जाएंगे ? यह आने वाले समय में पता चलेगा !
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