नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पंकज सिंह गुरुवार को सेक्टर 58 इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल रूम पहुंचे, विधायक पंकज सिंह ने कमांड कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया. साथ ही जिले में बेड्स, ऑक्सीजन गैस और रेमेडेसीवर इंजेक्शन की मौजूदा स्थिति भी जानी.
100 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का हो चुका है इंतजाम
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई ने बताया कि ऑक्सीजन की किल्लत न हो इसके लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व एसडीएम करेंगे और अस्पतालों से इमरजेंसी कॉल आने पर उनको तत्काल प्रभाव से पहुंचाया जाएगा. साथ ही जानकारी दी कि करीब 100 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का इंतजाम किया जा चुका है.
यह वक्त है असाधारण
विधायक पंकज सिंह ने कहा कि यह समय साधारण समय नहीं है, असाधारण वक्त है. सरकार और जिला प्रशासन 24 घंटे लोगों की जान बचाने में जुटा हुआ है. उन्होंने कहा कि लगातार ऑक्सीजन बेड, वेंटीलेटर बेड्स, इंजेक्शन सहित अन्य दवाओं की मांग बढ़ रही है. जिला प्रशासन भी लगातार प्रयासरत और पूर्ति करने में जुटा हुआ है. इसके अलावा MLA पंकज सिंह ने शहर की आरडब्ल्यूएमए में मिनी आइसोलेशन सेंटर बनाने पर विचार किए जाने की बात कही, जिसमें ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था होगी.
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स्पेशल ऑडिट टीम का गठन
जिलाधिकारी सुहास एल.वाई ने बताया कि GIMS, शारदा, कोविड हॉस्पिटल्स को प्रतिदिन प्रशासन की तरफ रेमेडेसीवर इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे. डीएम ने बताया कि लगातार रेमेडेसीवर इंजेक्शन की मांग बढ़ रही है. प्राइवेट अस्पताल मरीज़ के लिए रेमेडेसीवर इंजेक्शन लिख देते हैं और तीमारदारों को चक्कर काटना पड़ता है. ऐसे भी केस देखे गए हैं, जहां पर इंजेक्शन की जरूरत नहीं है. स्पेशल ऑडिट टीम गठित की गई है, जो प्राइवेट अस्पतालों के डाटा चेक करेंगे. इसके अलावा इंजेक्शन का प्रिसक्रिप्शन लिखने के बाद अस्पताल को अपनी लॉग बुक का ब्यौरा देना होगा कि उनके पास इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. साथ ही मरीज की मौजूदा स्थिति को भी बताना होगा.
QRT पहुंचाएगी ऑक्सीजन
ऑक्सीजन की किल्लत न हो ऐसे में एसडीएम स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है. 100 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का इंतजाम भी कर लिया गया है. SOS यानी इमरजेंसी कॉल आने पर रिस्पांस टीम संबंधित अस्पताल के लिए रवाना हो जाएगी और इमरजेंसी के वक्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि ऑक्सीजन की किल्लत के चलते किसी भी मरीज की जान न जाए.