नई दिल्ली/नोएडा: 13 दिन से लगातार नोएडा के सेक्टर 14 A स्थित चिल्ला बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से वार्ता हुई. जिस पर नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को खोल दिया गया है. मौके पर नोएडा और दिल्ली दोनों जगहों का पुलिस बल भारी संख्या में लगाया गया है.
इससे पहले दिल्ली से नोएडा आने वाले रास्ते को भी पहले ही खोल दिया गया था, दिल्ली नोएडा आने जाने वाले दोनों रास्ते को भले ही खोल दिया गया है, लेकिन रोड के बीच में किसान अभी भी धरने पर बने हुए हैं. आज से किसान धरना स्थल पर भूख हड़ताल शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि धरना अनिश्चितकाल के लिए चलता रहेगा, जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती है.
नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को खोला गया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भारतीय किसान यूनियन भानु के नेताओं की वार्ता हुई और किसान नेताओं द्वारा उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है. जिसमें उनकी मांगों को 15 दिन के अंदर प्रधानमंत्री से मिल दूर करने की बात कही जा रही है. इस वार्ता के बाद एक आपसी सहमति बनी और नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को खोल दिया गया है. जिस पर ट्रैफिक चलना शुरू हो गया है.
इससे पूर्व नोएडा प्रशासन और किसानों की वार्ता हुई थी, जिसमें दिल्ली से आने वाले रास्ते को खोला गया था. मौके पर नोएडा और दिल्ली दोनों ही तरफ भारी संख्या में पुलिस बल लगाए गए हैं और जगह-जगह पर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसानों द्वारा किसी प्रकार की कोई और उग्र रूप ना पकड़ा जाए.
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किसान बैठे भूख हड़ताल पर
अपनी मांगों को लेकर नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर 13 दिनों से धरने पर बैठे किसान आज भले ही रक्षा मंत्री के वार्ता के बाद नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते को खोल दिया हो पर आज से किसान अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं.
मांगे पूरी होने तक चलेगी हड़ताल
किसानों का कहना है कि मांगे जब तक नहीं मारी जाएंगे तब तक भूख हड़ताल चलता रहेगा. वहीं उनका शनिवार से शुरू हुआ अखंड रामायण अभी भी लगातार चल रहा है. चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता योगेश सिंह का कहना है कि वह आज से भूख हड़ताल पर अपनी मांगों पर लेकर बैठे हुए हैं, जो अनिश्चितकाल तक चलती रहेगी.
उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि वार्ता और आश्वासन से किसी बात का निष्कर्ष नहीं निकलेगा, जब तक मांगों को पूरी तरीके से मान नहीं लिया जाता है. सरकार और प्रशासन को किसानों की बातों को मानना पड़ेगा और जब तक वह मांगे नहीं मानते हैं, तब तक यह धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा और हम भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.