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नोएडा से फर्जी नेता गिरफ्तार, काम कराने के नाम पर लेता था पैसे

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है जो फर्जी नेता बनकर लोगों से उनके काम करवाने के एवज में मोटी रकम वसूलता था. आरोपी के पास से एक फारच्यूनर कार भी बारामद की गई, जिसपर संसद के सदस्य वाला स्टीकर लगा था.

नोएडा से फर्जी नेता गिरफ्तार
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Published : Nov 19, 2019, 9:37 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर गनर लेना और कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर नेतागिरी करने के आरोप में पुलिस ने एक फर्जी नेता को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी नेता लोगों से काम करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. पुलिस ने उस फर्जी नेता को तब गिरफ्तार किया जब एक महिला द्वारा एसएसपी से शिकायत की गई.

नोएडा से फर्जी नेता गिरफ्तार

ये है पूरा मामला
पीड़ित प्रियंका यादव ने जनता दर्शन मे एक प्रार्थना पत्र दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि अजय यादव और अरुण यादव मेरे देवर मुकेश यादव के साले हैं. उनका आरोप है कि आवेदिका दिल्ली रोहिणी वाले पते पर आए एक चैक बुक को अजय यादव और अरूण यादव ने चोरी कर उसका दुरुपयोग किया और फर्जी हस्ताक्षर बनाए. इसके अलावा झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आपराधिक अभियोग के परीक्षण में खुद को आपराधिक केस का साक्षी दर्शाते हुए गनर ले लिया. अजय यादव के भाई अरुण यादव ने भी ऐसा ही किया. उच्च न्यायालय का आदेश 5.04.2011 दायर की गयी है इस प्रार्थना पत्र के आधार पर क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय विमल कुमार ने आरोपों के तथ्यो की जांच की.

इस प्रकार अजय यादव ने छल और धोखा करते हुए साल 2011 से 19 की अवधि तक निशुल्क गनर प्राप्त करके राज्य सरकार को बहुत बडी आर्थिक क्षति पहुंचाई है. जिसके विरुद्ध थाना सैक्टर 49 में मुकदमा दर्ज किया गया है.

कार पर संसद के सदस्य वाला स्टीकर
मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अभियुक्त अजय यादव को गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से एक फारच्यूनर कार बारामद की गई जिसपर संसद के सदस्य वाला स्टीकर लगा था.

नई दिल्ली/नोएडा: हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर गनर लेना और कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर नेतागिरी करने के आरोप में पुलिस ने एक फर्जी नेता को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी नेता लोगों से काम करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. पुलिस ने उस फर्जी नेता को तब गिरफ्तार किया जब एक महिला द्वारा एसएसपी से शिकायत की गई.

नोएडा से फर्जी नेता गिरफ्तार

ये है पूरा मामला
पीड़ित प्रियंका यादव ने जनता दर्शन मे एक प्रार्थना पत्र दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि अजय यादव और अरुण यादव मेरे देवर मुकेश यादव के साले हैं. उनका आरोप है कि आवेदिका दिल्ली रोहिणी वाले पते पर आए एक चैक बुक को अजय यादव और अरूण यादव ने चोरी कर उसका दुरुपयोग किया और फर्जी हस्ताक्षर बनाए. इसके अलावा झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आपराधिक अभियोग के परीक्षण में खुद को आपराधिक केस का साक्षी दर्शाते हुए गनर ले लिया. अजय यादव के भाई अरुण यादव ने भी ऐसा ही किया. उच्च न्यायालय का आदेश 5.04.2011 दायर की गयी है इस प्रार्थना पत्र के आधार पर क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय विमल कुमार ने आरोपों के तथ्यो की जांच की.

इस प्रकार अजय यादव ने छल और धोखा करते हुए साल 2011 से 19 की अवधि तक निशुल्क गनर प्राप्त करके राज्य सरकार को बहुत बडी आर्थिक क्षति पहुंचाई है. जिसके विरुद्ध थाना सैक्टर 49 में मुकदमा दर्ज किया गया है.

कार पर संसद के सदस्य वाला स्टीकर
मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अभियुक्त अजय यादव को गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से एक फारच्यूनर कार बारामद की गई जिसपर संसद के सदस्य वाला स्टीकर लगा था.

Intro:नोएडा---
हाई कोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर गनर लेना और फॉर्च्यूनर कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर सांसद के स्टिकर के साथ खुलेआम नेतागिरी और सत्ता का रौब धोश देने वाले एक फर्जी नेता को थाना सेक्टर 49 पुलिस ने गिरफ्तार किया है पुलिस का कहना है कि कोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर सरकारी गनर नेता द्वारा लिया गया था जिसके चलते सरकार के राजस्व की हानि भी पहुंचाई गई जिस फर्जी नेता को पुलिस ने गिरफ्तार किया वह लोगों से काम कराने के नाम पर मोटी रकम वसूलने का काम करता था पुलिस ने उस नेता को तब गिरफ्तार किया जब एक महिला द्वारा एसएसपी से शिकायत की गई।Body:गौतम बुध नगर के एसएसपी वैभव कृष्ण से
श्रीमति प्रियंका यादव पुत्री राजेन्द्र यादव पत्नी विशाल यादव निवासी गुरुग्राम हरियाणा के द्वारा जनता दर्शन मे एक प्रार्थना पत्र इस आशय से दिया गया कि अजय यादव एवंम अरुण यादव पुत्र महेन्द्र यादव निवासी सर्फाबाद मेरे देवर मुकेश यादव के साले है जिसमे मुकेश यादव की शादी प्रीति यादव पुत्री महेन्द्र यादव निवासी ग्राम सर्फाबाद से हुई थी आवेदिका के पूर्व पते रोहिणी दिल्ली पर आयी हूई बैक चैक बुक को अजय यादव एवंम अरूण यादव द्वारा प्राप्त करके चैको का दुरुपयोग किया गया एंवम फर्जी हस्ताक्षर बनाये गये जिसमे हरेन्द्र ठाकुर एंवम पूरन यादव भी शामिल रहे है और इसके अलावा इनके द्वारा असत्य एवंम झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आपराधिक अभियोग के परीक्षण मे खुद को आपराधिक केस का साक्षी दर्शाते हुए गनर ले लिया गया अजय यादव के भाई अरुण यादव द्वारा भी ऎसी ही किया गया जिसके द्वारा उच्च न्यायालय का आदेश 5.04.2011 दायर की गयी है इस प्रार्थना पत्र के आधार पर क्षैत्राधिकारी नगर तृतीय विमल कुमार द्वारा आरोपो के तथ्यो की जांच की गयी जाच के मध्य प्रियंका यादव आरोपित अजय यादव अरुण यादव पुत्र भोले यादव विशाल यादव पुत्र स्व0 कृष्णपाल यादव के विस्तृत बयान दर्ज किये गये ओर सम्बन्धित दस्तावेज उच्च न्यायालय इलाहाबाद रिट पिटिशन 5.04.2011 जिलाधिकारी को प्रस्तुत प्रार्थना पत्र द्वारा अरुण यादव 2.08.2013 जनपदीय सुरक्षा समिति की संस्तुति 1.11.2013 सिविल मिस रिट में अरुण यादव बनाम स्टेट ऑफ यूपी एवंम 10.06.2011 के सत्र परीक्षण संख्या 528/98 मुकदमा अपराध संख्या 229/97 के निर्णय आदि का विस्तार से अवलोकन किया गया , इस प्रकरण मे प्रथम दृष्टया पाया गया कि अरुण यादव अजय यादव पुत्र महेन्द्र सिंह निर्णित केस उपरोक्त के साक्षी नही थे तथा वास्तविक गवाह अरुण यादव पुत्र भोले यादव के पिता का भोले शब्द प्रयोग करते हुए हाई कोर्ट मे झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर न्यायालय को गुमराह करके प्रतिरुपण एवम छल करते हुए न्यायालय से उपरोक्त आदेश प्राप्त किया गया इसमे इनका भाई अमित यादव भी आपराधिक षडयन्त्र मे शामिल रहा है इस प्रकार अजय यादव द्वारा छल धोखा करते हुए वर्ष 2011 से 2019 अवधि तक निशुल्क गनर प्राप्त करके राज्य सरकार को बहुत बडी आर्थिक क्षति प्रदान की गयी है ।इनके विरुद्द थाना सैक्टर 49 पर धारा 419,420,467,468,471,482,120 बी में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
         Conclusion:इस संबंध में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के उपरान्त अभियुक्त अजय यादव पुत्र महेन्द्र सिह निवासी सर्फाबाद थाना सैक्टर 49 नोएडा को गिरफ्तार किया गया। जिसके कब्जे से एक फारच्यूनर कार नंबर यूपी 16 टीसी 0003 जिसके आगे शीशे पर एक स्टीकर ससद सदस्य 17वीं लोक सभा 2019 एमपी लेबल संख्या एलएम-146 वाहन नंबर यूपी 16 टीसी 0003 लगा है। वाहन के सम्बन्ध में जानकारी की तो कार का असली नंबर यूपी 14 डीडी 1111 है। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

बाईट---वैभव कृष्ण एसएसपी गौतमबुद्धनगर
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