नई दिल्ली/नोएडा: हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेज देकर गनर लेना और कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर नेतागिरी करने के आरोप में पुलिस ने एक फर्जी नेता को गिरफ्तार किया है. ये फर्जी नेता लोगों से काम करवाने के नाम पर मोटी रकम वसूलता था. पुलिस ने उस फर्जी नेता को तब गिरफ्तार किया जब एक महिला द्वारा एसएसपी से शिकायत की गई.
ये है पूरा मामला
पीड़ित प्रियंका यादव ने जनता दर्शन मे एक प्रार्थना पत्र दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि अजय यादव और अरुण यादव मेरे देवर मुकेश यादव के साले हैं. उनका आरोप है कि आवेदिका दिल्ली रोहिणी वाले पते पर आए एक चैक बुक को अजय यादव और अरूण यादव ने चोरी कर उसका दुरुपयोग किया और फर्जी हस्ताक्षर बनाए. इसके अलावा झूठे शपथ पत्र प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय इलाहाबाद से आपराधिक अभियोग के परीक्षण में खुद को आपराधिक केस का साक्षी दर्शाते हुए गनर ले लिया. अजय यादव के भाई अरुण यादव ने भी ऐसा ही किया. उच्च न्यायालय का आदेश 5.04.2011 दायर की गयी है इस प्रार्थना पत्र के आधार पर क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय विमल कुमार ने आरोपों के तथ्यो की जांच की.
इस प्रकार अजय यादव ने छल और धोखा करते हुए साल 2011 से 19 की अवधि तक निशुल्क गनर प्राप्त करके राज्य सरकार को बहुत बडी आर्थिक क्षति पहुंचाई है. जिसके विरुद्ध थाना सैक्टर 49 में मुकदमा दर्ज किया गया है.
कार पर संसद के सदस्य वाला स्टीकर
मामले में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के बाद अभियुक्त अजय यादव को गिरफ्तार किया गया. जिसके कब्जे से एक फारच्यूनर कार बारामद की गई जिसपर संसद के सदस्य वाला स्टीकर लगा था.