नई दिल्ली/नोएडा: कोविड-19 को लेकर लगाए गए लॉकडाउन 4 में शासन ने नोएडा-दिल्ली बॉर्डर को लेकर आदेश दिया कि दिल्ली में कंटेनमेंट जोन से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध रहेगा और अन्य लोग आ सकते हैं. इसको लेकर विस्तृत आदेश जिला प्रशासन जारी करेगा. इस संबंध में कोई विस्तृत आदेश नहीं आया. जिसके कारण दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद बॉर्डर पर की जा रही सख्ती को लेकर उद्यमी परेशान हैं. उद्यमियों ने प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि हम बर्बाद हो रहे, बॉर्डर को शीघ्र खोला जाए.
'बॉर्डर पर हो रही इस सख्ती के कारण उद्यमी बर्बाद हो रहे'
नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन मलहन का भी कहना है कि बॉर्डर पर हो रही सख्ती के कारण जहां एक हजार से अधिक इंडस्ट्री नहीं खुल सकी हैं. दिल्ली की ओर से बॉर्डर खुल जाने के बाद गौतमबुद्ध नगर जिले के अधिकारी दावा तो लगातार कर रहे हैं कि माल लेकर आने-जाने वाले वाहनों को नहीं रोका जाएगा. लेकिन बॉर्डर पर उद्यमियों के ट्रकों को नहीं आने जाने दिया जा रहा है. जिस कारण ना तो वो कच्चा माल ला पा रहे हैं और ना ही तैयार माल दिल्ली भेज पा रहे हैं. जबकि सबसे बड़ा बाजार दिल्ली ही है. बॉर्डर पर हो रही इस सख्ती के कारण उद्यमी बर्बाद हो रहे हैं. उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि बॉर्डर पर अब शीघ्र राहत मिलनी चाहिए.
नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन की गुहार
नोएडा एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष एसएम सेठ कहते हैं कि काम बंद क्योंकि बॉर्डर को बंद हुए एक महीने से अधिक का समय हो चुका है. काम बंद पड़ा है. हम नुकसान पर जा रहे हैं. नुकसान बर्दाश्त करने की भी एक सीमा होती है, वहीं अभ स्थिति बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है.
अब हालत ऐसी है कि कहीं फैक्ट्री को ही बंद ना करना पड़ जाए. सामान पड़ा-पड़ा खराब हो रहा है, जो माल बना हुआ है हम उसे भेज नहीं सकते. एक्सपोर्ट नहीं कर पा रहे हैं. जो माल एक्सपोर्ट में गया था उसकी स्थिति पता नहीं है. कहीं कोई सुनवाई नहीं है.
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के नोएडा अध्यक्ष कुलमणि गुप्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी उन्होंने बॉर्डर की बंदी का मामला उठाया. प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है कि इन बॉर्डर को शीघ्र खोला जाए, जिससे कि हम बर्बाद होने से बच सके हैं.