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नोएडा: 'ई पेट्रोलिंग योजना' ठंडे बस्ते में गई, पुलिसकर्मी नहीं कर रहा इस्तेमाल!

गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरी प्रणाली में जमीनी हकीकत से दूर सारे सिस्टम चल रहे हैं. कमिश्नरी प्रणाली के आते ही ई पेट्रोलिंग का सिस्टम ठंडे बस्ते में चला गया. अब कोई भी पुलिसकर्मी कहीं पर भी ई पेट्रोलिंग एप का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा जा रहा है.

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Published : Mar 5, 2020, 3:13 PM IST

E Petroling Scheme bad condition  in Gautam Buddha Nagar
'ई पेट्रोलिंग योजना' ठंडे बस्ते में गई

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरी प्रणाली में जमीनी हकीकत से दूर सारे सिस्टम चल रहे हैं. ये प्रणाली इसलिए बनाई गई थी ताकि सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके और आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके, लेकिन देखा जाए तो इस कमिश्नरी प्रणाली में जमीनी हकीकत से दूर सारे सिस्टम चल रहे हैं. बताया गया कि एसएसपी प्रणाली में जहां बड़े स्तर पर ई पेट्रोलिंग एप को लांच करना था.

'ई पेट्रोलिंग योजना' ठंडे बस्ते में गई

कमिश्नरी प्रणाली के आते ही ई पेट्रोलिंग का सिस्टम ठंडे बस्ते में चला गया. अब कोई भी पुलिसकर्मी कहीं पर भी ई पेट्रोलिंग एप का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा जा रहा है. वहीं जहां पर बारकोड लगे हुए थे, वह भी दिखाई नहीं दे रहे हैं.


ई पेट्रोलिंग के बारकोड अधिकारियों के ऑफिस, थानों के साथ ही ज्वेलर्स की दुकान, एटीएम, बैंक और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों के साथ ही कई महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए गए थे. जहां पहुंचकर पुलिस को अपना लोकेशन देना होता था. ई पेट्रोलिंग एप का प्रयोग बारकोड पर जाकर करने का काम चौकी इंचार्ज और दरोगा से ऊपर के लोगों को करना था.



कहां गई योजना ई पेट्रोलिंग योजना?

अगर पूर्व अधिकारियों की मानें तो उनके द्वारा बड़े लेवल पर इसको पहले जिले में और फिर प्रदेश में लांच करना था. लेकिन कमिश्नरी प्रणाली लागू होते ही ई पेट्रोलिंग योजना ठंडे बस्ते में चली गई और लोगों ने इसका प्रयोग करना बंद कर दिया.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरी प्रणाली में जमीनी हकीकत से दूर सारे सिस्टम चल रहे हैं. ये प्रणाली इसलिए बनाई गई थी ताकि सुरक्षा व्यवस्था बेहतर हो सके और आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सके, लेकिन देखा जाए तो इस कमिश्नरी प्रणाली में जमीनी हकीकत से दूर सारे सिस्टम चल रहे हैं. बताया गया कि एसएसपी प्रणाली में जहां बड़े स्तर पर ई पेट्रोलिंग एप को लांच करना था.

'ई पेट्रोलिंग योजना' ठंडे बस्ते में गई

कमिश्नरी प्रणाली के आते ही ई पेट्रोलिंग का सिस्टम ठंडे बस्ते में चला गया. अब कोई भी पुलिसकर्मी कहीं पर भी ई पेट्रोलिंग एप का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा जा रहा है. वहीं जहां पर बारकोड लगे हुए थे, वह भी दिखाई नहीं दे रहे हैं.


ई पेट्रोलिंग के बारकोड अधिकारियों के ऑफिस, थानों के साथ ही ज्वेलर्स की दुकान, एटीएम, बैंक और संवेदनशील और अतिसंवेदनशील स्थानों के साथ ही कई महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए गए थे. जहां पहुंचकर पुलिस को अपना लोकेशन देना होता था. ई पेट्रोलिंग एप का प्रयोग बारकोड पर जाकर करने का काम चौकी इंचार्ज और दरोगा से ऊपर के लोगों को करना था.



कहां गई योजना ई पेट्रोलिंग योजना?

अगर पूर्व अधिकारियों की मानें तो उनके द्वारा बड़े लेवल पर इसको पहले जिले में और फिर प्रदेश में लांच करना था. लेकिन कमिश्नरी प्रणाली लागू होते ही ई पेट्रोलिंग योजना ठंडे बस्ते में चली गई और लोगों ने इसका प्रयोग करना बंद कर दिया.

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