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इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का सीएम योगी करेंगे निरीक्षण - इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से निगरानी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल यानी सोमवार को इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम (Integrated Control Room) का निरीक्षण करेंगे. पढ़िए पूरी खबर

सीएम ने किया निरीक्षण
सीएम ने किया निरीक्षण
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Published : Sep 11, 2022, 9:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 94 स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के समाप्ति के बाद आएंगे. मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व नोएडा प्राधिकरण और सिविल पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से खुद को अलर्ट पर रखते हुए जगह-जगह सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं. नोएडा प्राधिकरण द्वारा अन्य स्थितियों को सुधारने की कवायद की जा रही है. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का उद्घाटन 2019 में मुख्यमंत्री योगी ने किया था.


ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से निगरानी को मजबूत करने के उद्देश्य से इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया है. 84 चौराहों पर 1,065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखने के लिये यह महत्वाकांक्षी परियोजना थी. इसके लिए 88.4 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था. एक निजी एजेंसी एफकॉन इंडिया लिमिटेड को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने का काम सौंपा था. इसका कमांड और कंट्रोल रूम से सिस्टम सेक्टर 94 स्थित लगाया गया, जहां से चौबीसों घंटे पुलिसकर्मियों द्वारा निगरानी की जा रही है.

सीएम ने किया निरीक्षण

डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद के अनुसार, करीब 77 चौराहों पर कैमरे लगाने का काम पूरा हो चुका है. वहीं, 20 चौराहों की लाइव निगरानी भी हो रही है. निगरानी के माध्यम से यह देखा जा रहा है कि कैमरों के माध्यम से वाहनों के नंबर प्लेट कैच हो रहे हैं या नहीं. साथ ही ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों को चिह्नित करने में कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. 57 चौराहों पर करीब 500 कैमरों से लाइव निगरानी की जा रही है. इसके अलावा दूसरे चौराहों पर पोल आदि लगा दिए गए हैं.

इसे भी पढ़ें:निर्माण कार्य के कारण आश्रम के पास रिंग रोड पर लगा लंबा जाम


प्राधिकरण के यातायात प्रकोष्ठ के प्रभारी ने बताया कि गति को कम करने, यातायात की स्थिति में सुधार और सुरक्षा कवर बढ़ाने के अलावा, परियोजना के तहत उपलब्ध सुविधाओं से वाहन चोरी में भी कमी आएगी. नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को चोरी के वाहन की लोकेशन के बारे में अलर्ट करेगा.

अधिकारियों ने कहा कि इस प्रणाली को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. इसके माध्यम से यातायात उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जाएगी और नियम तोड़ने के कुछ ही मिनटों के भीतर उन्हें दंडित किया जाएगा. एजेंसी इसे स्थापित करने के बाद अब पांच साल की अवधि के लिए सिस्टम का संचालन और रख-रखाव भी करेगी.

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नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर 94 स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के समाप्ति के बाद आएंगे. मुख्यमंत्री के आगमन से पूर्व नोएडा प्राधिकरण और सिविल पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से खुद को अलर्ट पर रखते हुए जगह-जगह सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं. नोएडा प्राधिकरण द्वारा अन्य स्थितियों को सुधारने की कवायद की जा रही है. इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का उद्घाटन 2019 में मुख्यमंत्री योगी ने किया था.


ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से निगरानी को मजबूत करने के उद्देश्य से इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनाया गया है. 84 चौराहों पर 1,065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखने के लिये यह महत्वाकांक्षी परियोजना थी. इसके लिए 88.4 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था. एक निजी एजेंसी एफकॉन इंडिया लिमिटेड को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने का काम सौंपा था. इसका कमांड और कंट्रोल रूम से सिस्टम सेक्टर 94 स्थित लगाया गया, जहां से चौबीसों घंटे पुलिसकर्मियों द्वारा निगरानी की जा रही है.

सीएम ने किया निरीक्षण

डीसीपी ट्रैफिक गणेश प्रसाद के अनुसार, करीब 77 चौराहों पर कैमरे लगाने का काम पूरा हो चुका है. वहीं, 20 चौराहों की लाइव निगरानी भी हो रही है. निगरानी के माध्यम से यह देखा जा रहा है कि कैमरों के माध्यम से वाहनों के नंबर प्लेट कैच हो रहे हैं या नहीं. साथ ही ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों को चिह्नित करने में कोई परेशानी तो नहीं आ रही है. 57 चौराहों पर करीब 500 कैमरों से लाइव निगरानी की जा रही है. इसके अलावा दूसरे चौराहों पर पोल आदि लगा दिए गए हैं.

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प्राधिकरण के यातायात प्रकोष्ठ के प्रभारी ने बताया कि गति को कम करने, यातायात की स्थिति में सुधार और सुरक्षा कवर बढ़ाने के अलावा, परियोजना के तहत उपलब्ध सुविधाओं से वाहन चोरी में भी कमी आएगी. नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम पुलिस कंट्रोल रूम (पीसीआर) को चोरी के वाहन की लोकेशन के बारे में अलर्ट करेगा.

अधिकारियों ने कहा कि इस प्रणाली को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा. इसके माध्यम से यातायात उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जाएगी और नियम तोड़ने के कुछ ही मिनटों के भीतर उन्हें दंडित किया जाएगा. एजेंसी इसे स्थापित करने के बाद अब पांच साल की अवधि के लिए सिस्टम का संचालन और रख-रखाव भी करेगी.

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