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नूंह: वेतन नहीं मिलने पर मेवाती मेडिकल कॉलेज के वॉर्ड बॉयज ने की हड़ताल

राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में वार्ड बॉयज ने वेतन नहीं मिलने के चलते हड़ताल कर दिया है. वार्ड बॉयज का आरोप है कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. जिसके चलते परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.

ward boys of mewati medical college on strike for salary in nuh
नूंह
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Published : Jul 22, 2020, 10:27 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड़ में वार्ड बॉयज के पद पर काम कर रहे सैकड़ों युवाओं को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से वार्ड बॉयज में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. बुधवार को वार्ड बॉयज ने ड्यूटी पर जाने से इंकार कर दिया और वेतन देने वाली कंपनी बीएसएस के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके अलावा वार्ड बॉयज ने मेडिकल कालेज प्रशासन पर भी वेतन समय पर नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए.

आर-पार की लड़ाई की दी चेतावनी

वार्ड बॉयज ने बताया कि बीएसएस कंपनी ने अप्रैल, मई और जून माह का वेतन नहीं दिया है. जब कंपनी प्रबंधन से वेतन के बारे में बातचीत की जाती है, तो वह सुनने को ही तैयार नहीं है. ऐसे में कर्मचारियों की ना तो कंपनी सुन रही है और ना ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन सुनने को तैयार है. इसलिए वो 30 जुलाई के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें कि, मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉयज का ठेका पिछले काफी समय से दक्षिणी हरियाणा के एक विधायक की कंपनी बीएसएस के पास है. कंपनी पर कई बार नियमों को ताक पर रख कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार अपनाने के आरोप लगते रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में समय पर वेतन नहीं मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वार्ड बॉयज के अलावा सफाई कर्मचारी इत्यादि हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज कर्मचारी ठेका प्रथा पर लगे कर्मचारियों की सुनने को तैयार नहीं है. कर्मचारियों ने गुहार लगाई है कि उनका वेतन जल्द से जल्द दिया जाए, ताकि कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार का गुजारा आसानी से किया जा सके.

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कालेज नल्हड़ में वार्ड बॉयज के पद पर काम कर रहे सैकड़ों युवाओं को पिछले 3 महीने से वेतन नहीं मिला है. वेतन नहीं मिलने से वार्ड बॉयज में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. बुधवार को वार्ड बॉयज ने ड्यूटी पर जाने से इंकार कर दिया और वेतन देने वाली कंपनी बीएसएस के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके अलावा वार्ड बॉयज ने मेडिकल कालेज प्रशासन पर भी वेतन समय पर नहीं देने के गंभीर आरोप लगाए.

आर-पार की लड़ाई की दी चेतावनी

वार्ड बॉयज ने बताया कि बीएसएस कंपनी ने अप्रैल, मई और जून माह का वेतन नहीं दिया है. जब कंपनी प्रबंधन से वेतन के बारे में बातचीत की जाती है, तो वह सुनने को ही तैयार नहीं है. ऐसे में कर्मचारियों की ना तो कंपनी सुन रही है और ना ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन सुनने को तैयार है. इसलिए वो 30 जुलाई के बाद आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें कि, मेडिकल कॉलेज में वार्ड बॉयज का ठेका पिछले काफी समय से दक्षिणी हरियाणा के एक विधायक की कंपनी बीएसएस के पास है. कंपनी पर कई बार नियमों को ताक पर रख कर्मचारियों के साथ गलत व्यवहार अपनाने के आरोप लगते रहे हैं. मेडिकल कॉलेज में समय पर वेतन नहीं मिलने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी वार्ड बॉयज के अलावा सफाई कर्मचारी इत्यादि हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज कर्मचारी ठेका प्रथा पर लगे कर्मचारियों की सुनने को तैयार नहीं है. कर्मचारियों ने गुहार लगाई है कि उनका वेतन जल्द से जल्द दिया जाए, ताकि कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार का गुजारा आसानी से किया जा सके.

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