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नूंह में जल्द दूर होगी पेयजल की समस्या, डीसी लगातार ले रहे हैं बैठक - नूंह पानी समस्या जिला उपायुक्त बैठक

नूंह में पेयजल की समस्या को लेकर ने केवल लगातार बैठकों का दौर जारी है, बल्कि पीने के पानी की कमी के साथ-साथ भूजल को ऊपर लाने के लिए हार्वेस्टिंग सिस्टम और पुराने बोरवेल में वाटर रिचार्जिंग को लेकर तैयारी की जा रही है.

nuh DC hold meeting regarding water problem in district
नूंह में जल्द दूर होगी पेयजल की समस्या, डीसी लगातार ले रहे हैं बैठक
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Published : Oct 11, 2020, 2:01 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: जिले में पीने के पानी की कमी को दूर करने की दिशा में जिला प्रशासन ठोस रणनीति बना रहा है. जिले में पिछले कई वर्षों से बंद पड़े बोरिंग को चिन्हित किया जा रहा है. जिसके बाद उनकी टेस्टिंग की जाएगी. ये जानकारी शनिवार को जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने दी.

नूंह में जल्द दूर होगी पेयजल की समस्या, डीसी लगातार ले रहे हैं बैठक

डीसी नूंह ने कहा कि रिचार्ज प्वाइंट जिले के सरकारी स्कूलों व अन्य सरकारी संस्थानों में बनाए जाएंगे. इसके अलावा इन सरकारी स्थानों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा स्कीम के द्वारा स्टेशन बनाए जाएंगे, साथ ही जो पहले हार्वेस्ट सिस्टम बनाए हुए हैं, उनकी मरम्मत कर उन्हें भी शुरू किया जाएगा.

बता दें कि, नूंह जिले में पीने के पानी की लगातार कमी हो रही है. वैसे तो जिले के अधिकतर गांवों में पीने के पानी की समस्या है, लेकिन नगीना खंड के तकरीबन 60 गांवों में पानी पीने योग्य नहीं है. भुजल गहरा है, खारा है, ऊपर से जिले के तालाब, नहर, अक्सर सूखे रहते हैं, बरसात भी लगातार कम हो रही है. जिसकी वजह से इलाके में पीने के पानी की चिंता लगातार शासन-प्रशासन के साथ-साथ लोगों को सताती रहती है.

मौजूदा समय में रेल परियोजना से यमुना से बोरिंग कर सैकड़ों गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. बावजूद इसके सैकड़ों लोग 1000 का पानी का टैंक खरीद कर उसे कम से कम 20 दिन चलाते हैं. इसी को समस्या को डीसी ने गंभीरता से लिया है और इसको लगातार बैठकों का दौर जारी है. कुल मिलाकर आने वाले समय में पानी की किल्लत से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर अब ठोस रणनीति बनती दिख रही है.

नई दिल्ली/नूंह: जिले में पीने के पानी की कमी को दूर करने की दिशा में जिला प्रशासन ठोस रणनीति बना रहा है. जिले में पिछले कई वर्षों से बंद पड़े बोरिंग को चिन्हित किया जा रहा है. जिसके बाद उनकी टेस्टिंग की जाएगी. ये जानकारी शनिवार को जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने दी.

नूंह में जल्द दूर होगी पेयजल की समस्या, डीसी लगातार ले रहे हैं बैठक

डीसी नूंह ने कहा कि रिचार्ज प्वाइंट जिले के सरकारी स्कूलों व अन्य सरकारी संस्थानों में बनाए जाएंगे. इसके अलावा इन सरकारी स्थानों में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनरेगा स्कीम के द्वारा स्टेशन बनाए जाएंगे, साथ ही जो पहले हार्वेस्ट सिस्टम बनाए हुए हैं, उनकी मरम्मत कर उन्हें भी शुरू किया जाएगा.

बता दें कि, नूंह जिले में पीने के पानी की लगातार कमी हो रही है. वैसे तो जिले के अधिकतर गांवों में पीने के पानी की समस्या है, लेकिन नगीना खंड के तकरीबन 60 गांवों में पानी पीने योग्य नहीं है. भुजल गहरा है, खारा है, ऊपर से जिले के तालाब, नहर, अक्सर सूखे रहते हैं, बरसात भी लगातार कम हो रही है. जिसकी वजह से इलाके में पीने के पानी की चिंता लगातार शासन-प्रशासन के साथ-साथ लोगों को सताती रहती है.

मौजूदा समय में रेल परियोजना से यमुना से बोरिंग कर सैकड़ों गांवों को पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. बावजूद इसके सैकड़ों लोग 1000 का पानी का टैंक खरीद कर उसे कम से कम 20 दिन चलाते हैं. इसी को समस्या को डीसी ने गंभीरता से लिया है और इसको लगातार बैठकों का दौर जारी है. कुल मिलाकर आने वाले समय में पानी की किल्लत से कैसे निपटा जाए, इसको लेकर अब ठोस रणनीति बनती दिख रही है.

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