नई दिल्ली/नूंह: कई दशकों से अस्वस्थ चल रहे स्वास्थ्य विभाग को नवनियुक्त सिविल सर्जन ने स्वच्छ-स्वस्थ बनाने की दिशा में तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. चंद घंटों की मेहनत से अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा परिसर बदला-बदला नजर आ रहा है. डॉक्टर को मरीज के रैफर करने की वजह अब रजिस्टर में दर्ज करनी होगी. जिसको सीएमओ लगातार जांचते रहेंगे.
शनिवार को छुट्टी के दिन चार्ज संभालते ही नए सीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने अपने इरादों से विभाग ही नहीं बल्कि इलाके के लोगों को अपना संदेश दे दिया है. लोगों को अब निजी अस्पतालों जैसी सुविधा फ्री में सरकारी अस्पतालों में मिलेगी. डॉक्टरों के हेडक्वार्टर पर नहीं ठहरने के सवाल पर सीएमओ बोले की सभी जगह आवासीय भवन बनवाये जाएंगे. अभी डॉक्टरों को रुकने का पुख्ता प्रबंध नहीं है.
डीसी पंकज से भी इस बारे में बातचीत हुई है. शौचालयों की साफ, सफाई से लेकर पूरे अस्पताल परिसर में गन्दगी नहीं दिखेगी. डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने डॉक्टरों, स्टाफ की बैठक ली और कहा कि काम करने की आदत डालो. मरीजों को लगे की अस्पताल में अब उनको इलाज से लेकर दवाई सहित सभी सुविधाएं किसी प्राइवेट अस्पताल की तरह मिल रही हैं.
इस तरह का सरकारी अस्पतालों को बनाना है. तावडू , पुन्हाना , फिरोजपुर झिरका , पिनगवां , नगीना , शिकरावा , घासेड़ा इत्यादि जहां भी सरकारी अस्पतालों की स्तिथि अच्छी नहीं है. मंगलवार को सीएमओ डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने पीडब्ल्यूडी विभाग , बिजली विभाग के अधिकारियों को बुलाया और तत्काल भवन निर्माण , मरम्मत कार्यों में तेजी लाने तथा पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए.
कुल मिलाकर जंग लग चुके स्वास्थ्य विभाग को पहले स्वस्थ किया जा रहा है , उसके बाद लोगों की सेहत की दिशा में भी तेजी से जरुरी कदम उठाये जाएंगे. बुजुर्गों के आंखों के जो ऑपरेशन मशीन की खराबी की वजह से नहीं हो पा रहे थे , अब इसी सप्ताह मशीन मंगवाई जाएगी और बुजुर्गों को अब आंखों के ऑपरेशन इत्यादि के लिए दूरदराज इलाकों में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे. सिविल सर्जन नूंह की सख्ती ने निठल्ले कर्मचारियों की नींद उड़ा कर रख दी है.
दशकों बाद खुला मेन गेट
अल आफिया अस्पताल का मुख्य द्वार करीब एक दशक बाद खुला हुआ दिखाई दिया. सीएमओ ऑफिस, आवासीय भवनों को सीधे जोड़ने के साथ-साथ अस्पताल को जाने वाले इस रास्ते को विभाग ने किन्हीं कारणों से बंद किया हुआ था. अब मुख्य द्वारा सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेगा. उसके बाद उसी दरवाजे को खोला जायेगा, जो मोर्चरी इत्यादि को जोड़ता है.
सुरक्षा घेरा हुआ मजबूत
अस्पताल परिसर में लगाए गए सुरक्षा गार्ड इत्यादि मंगलवार को अस्पताल परिसर में दिनभर घूमते दिखे तो सफाई कर्मचारी मुख्य द्वार पर झाड़ू लेकर सफाई के लिए पूरी तरह अलर्ट बैठे दिखाई दिए. डॉक्टरों से लेकर अन्य स्टाफ तक नवनियुक्त सीएमओ के पीछे-पीछे उनके आदेश पर सजग दिखाई दिया. अस्पताल परिसर में जैसा नजारा मंगलवार को दिखाई दिया , अगर कुछ महीने ऐसा ही नजारा देखने को मिला तो बदनामी का दंश झेल रहा स्वास्थ्य विभाग अपने अच्छे कामों से लोगों का दिल जितने में कामयाब हो जायेगा.
अस्पताल परिसर से हटाया जाये फालतू सामान
भवन निर्माण सामग्री के अलावा उबड़ - खाबड़ जगह अब परिसर में दिखाई नहीं देगी. फालतू सामान हटाने के ठेकेदार को निर्देश दिए गए तो मिटटी डलवाकर जगह को समतल कराने की दिशा में भी काम दिखाई दिया. नए सीएमओ की कार्यशैली की चर्चा सबकी जबान पर है. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री गब्बर ने पहली बार किसी दबंग दिल जितने वाले सिविल सर्जन को मेवात इलाके की स्वास्थ्य सेवाओं को पंख लगाने के लिए भेजा है.
बदल सकता है सीएमओ कार्यालय
नवनियुक्त सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने शनिवार को चार्ज संभालते ही सीएमओ कार्यालय को अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा से जिला मुख्यालय नूंह में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है. सीएमओ ने नूंह शहर में सीएमओ कार्यालय के लिए जगह तलाशनी शुरू कर दी है. पत्रकार से खास बातचीत में नवनियुक्त सिविल सर्जन ने इस बात का खुलासा मंगलवार को किया.
मेन गेट की हुई पेंटिंग, जगमग होगा परिसर
अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा परिसर में लगी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराया जा रहा है. कई दशक से खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट की सुध ली जा रही है. मुख्य द्वार पर पेंटिंग कराने से लेकर साज - सज्जा पर भी फोकस किया जा रहा है. शुरुआत में किसी पांच सितारा होटल की तरह नजर आने वाला अस्पताल परिसर अपने बीते हुए दिनों को भुलाकर तरक्की की नई इबारत लिखने जा रहा है.