नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम से दिल को दहला देने वाला मामला सामने आया है. गुरुग्राम कोर्ट परिसर में एक वकील ने रहस्यमयी परिस्थितियों में जहर खा कर खुदखुशी कर ली. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वकील जमीनी विवाद के चलते काफी लंबे समय से परेशान था और जांच अधिकारी बार-बार उन पर दबाव बना रहे थे.
डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया
दरअसल दोपहर करीब 2 बजे उमेश के बेटे ने अपने पिता को फोन किया, लेकिन बार-बार फोन करने के बाद जब फोन नहीं उठाया तो उन्होंने उमेश वकील दोस्त को फोन किया. जिसके बाद वकील दोस्त उनके चेंबर में गए तो वहां उमेश को अचेत अवस्था में मिले, जिसके बाद उन्हें गुरुग्राम के निजी अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया.
शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतक उमेश पर 2005 से एक जमीनी विवाद चल रहा था और गुरुग्राम के सेक्टर-9 थाने में उन पर केस दर्ज हुआ था. जिसके बाद उमेश काफी परेशान रहने लगे. इसी परेशानी की वजहसे उमेश ने जहर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
शव को पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवा दिया
वहीं दूसरी और बार एसोसिएशन ने आरोप लगाए हैं कि जमीनी विवाद के मामले में जांच अधिकारी लगातार मृतक उमेश पर दबाव बना रहे थे. जिसका जिक्र उन्होंने कई बार अपने दोस्तों से भी किया था. अब बार एसोसिएशन का कहना है कि अगर दोषी जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरा बार एसोसिएशन उनके खिलाफ मोर्चा खोलेगा.
वहीं मृतक उमेश ने सुसाइड नोट में भी 2005 में जमीनी विवाद का जिक्र किया गया है और जांच अधिकारियों की ओर से डाले जा रहे दबाव का भी जिक्र किया है. फिलहाल गुरुग्राम पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शव गृह में रखवा दिया है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.