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अस्पताल ने नहीं किया कोरोना संक्रमित का इलाज, डीसी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

गुरुग्राम से लगातार प्राइवेट अस्पतालों की असंवेदनहीनता की खबरें आ रही हैं. इन अस्पतालों पर जिला प्रशासन भी सख्त हो गया है. अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने से मना करने पर प्रशासन ने तीन अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस भेजा है.

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डीसी ऑफिस
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Published : May 30, 2020, 8:01 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम से एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज ना करने का मामला सामने आया है. इस मरीज का इलाज ना करने पर जिला उपायुक्त अमित खत्री ने अस्पताल के खिलाफ एक्शन लिया है. उन्होंने निजी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन को इस नोटिस का जवाब देने के लिए एक दिन का समय दिया गया है.

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डीसी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई

दरअसल 25 मई को निजी अस्पतालों को उपायुक्त ने आदेश जारी कर कहा था कि जिले में किसी भी कोरोना संक्रमित या अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकते हैं. इन आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ बिना नोटिस जारी किए महामारी अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे समय में एक निजी अस्पताल ने कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने से मना किया. जिसके बाद जिला उपायुक्त ने ये कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी करते हुए अस्पताल से पूछा गया है कि क्यों ना जिलाधीश के आदेशों की अवहेलना करने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें अपना जवाब देने के लिए 1 दिन का समय दिया गया है.

गुरुवार को भी जिला उपायुक्त अमित खत्री दो निजी अस्पतालों (पारस और पार्क अस्पताल) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे. अब देखना होगा कि प्रशासन इन तीनों अस्पतालों के खिलाफ क्या एक्शन लेता है? लेकिन कोरोना के समय में इस प्रकार से कोरोना संक्रमित मरीज को मना करना, अस्पताल की असंवेदनहीनता को भी दर्शाता है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम से एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज ना करने का मामला सामने आया है. इस मरीज का इलाज ना करने पर जिला उपायुक्त अमित खत्री ने अस्पताल के खिलाफ एक्शन लिया है. उन्होंने निजी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही अस्पताल प्रबंधन को इस नोटिस का जवाब देने के लिए एक दिन का समय दिया गया है.

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डीसी ने भेजा कारण बताओ नोटिस

अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई

दरअसल 25 मई को निजी अस्पतालों को उपायुक्त ने आदेश जारी कर कहा था कि जिले में किसी भी कोरोना संक्रमित या अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकते हैं. इन आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ बिना नोटिस जारी किए महामारी अधिनियम 1897 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे समय में एक निजी अस्पताल ने कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने से मना किया. जिसके बाद जिला उपायुक्त ने ये कारण बताओ नोटिस जारी किया है. नोटिस जारी करते हुए अस्पताल से पूछा गया है कि क्यों ना जिलाधीश के आदेशों की अवहेलना करने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें अपना जवाब देने के लिए 1 दिन का समय दिया गया है.

गुरुवार को भी जिला उपायुक्त अमित खत्री दो निजी अस्पतालों (पारस और पार्क अस्पताल) को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे. अब देखना होगा कि प्रशासन इन तीनों अस्पतालों के खिलाफ क्या एक्शन लेता है? लेकिन कोरोना के समय में इस प्रकार से कोरोना संक्रमित मरीज को मना करना, अस्पताल की असंवेदनहीनता को भी दर्शाता है.

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