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लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स - गुरुग्राम सैनिटेशन कर्मचारी

कोरोना काल में हुए रेवेन्यू लॉस के कारण कई सरकारी दफ्तरों से आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया. कोरोना काल और लॉकडाउन का गुरुग्राम नगर निगम पर क्या असर पड़ा है. इस रिपोर्ट में जानिए:

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लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स
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Published : Feb 10, 2021, 1:11 AM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना की वजह से जहां एक तरफ पूरे देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा. वहीं दूसरी तरफ इस लॉकडाउन ने अधिकतर व्यापार पर अपना साइड इफेक्ट छोड़ा. सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों को भी कोरोना काल में नुकसान उठाना पड़ा है. जिसका नतीजा ये हुआ कि कई विभागों से अपने अस्थाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में लॉकडाउन का असर गुरुग्राम नगर निगम पर कितना पड़ा? ये जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में-

लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स

कोरोना काल में हुए रेवेन्यू लॉस के कारण कई सरकारी दफ्तर से आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया, लेकिन गुरुग्राम नगर निगम ने ना ही सिर्फ कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया, बल्कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला.

5000 से ज्यादा हैं सैनिटेशन कर्मचारी

गुरुग्राम नगर निगम में 5000 से ज्यादा सैनिटेशन (सफाई कर्मचारी) तैनात हैं. गुरुग्राम नगर निगम की मेयर मधु आजाद की मानें तो किसी भी कर्मचारी को नगर निगम ने पिछले 1 साल में कोरोना काल में हुए नुकसान की वजह से नहीं निकाला है. हालांकि 1-2 कर्मचारियों पर काम में लापरवाही बरतने पर जरूर कार्रवाई की गई है, लेकिन कोरोना की वजह से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं गई है.

समय पर मिलती है कर्मचारियों को सैलरी

नगर निगम कर्मचारियों ने बताया कि हर महीने की 5 तारीख से पहले ही उन्हें वेतन मिल जाता है और कोरोना काल में भी इन्हें सैलरी वक्त पर ही मिली है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काम ज्यादा जरूर था, लेकिन निगम ने उनका पूरा सहयोग किया.

सैनिटाइजेशन कर्मचारियों का रहा अहम योगदान
मेयर ने बताया कि गुरुग्राम में कोरोना काल के दौरान 200 से ज्यादा कर्मचारी सैनिटाइजेशन का काम कर रहे थे. जहां भी कोरोना का मरीज मिलता था, वहां सैनिटाइजेशन का काम किया जाता था.

एक हजार से ज्यादा बैंक और ATM किए गए सैनिटाइज

उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से पब्लिक प्लेसिस पर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. ऐसे में साइबर सिटी गुरुग्राम में जहां मई-जून में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए तो वही सैनिटाइजेशन वर्करों का भी काम बेहद बढ़ गया. गुरुग्राम में 1 हजार से ज्यादा बैंक और एटीएम को समय-समय पर सैनिटाइज किया गया है.

'निगम ने वसूला 210 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स'

गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद की मानें तो कोरोना से हुए नुकसान में राज्य सरकार हर संभव मदद कर रही है. हालांकि गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली भी तेज कर दी है. वहीं गुरुग्राम में अब तक 210 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा चुका है और नगर निगम को उम्मीद है कि बचे हुए 2 महीनों में ये 250 करोड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स वसूल हो जाएगा. जिससे नगर निगम के हालात में और सुधार होगा.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना की वजह से जहां एक तरफ पूरे देश में लॉकडाउन लगाना पड़ा. वहीं दूसरी तरफ इस लॉकडाउन ने अधिकतर व्यापार पर अपना साइड इफेक्ट छोड़ा. सिर्फ प्राइवेट सेक्टर ही नहीं बल्कि सरकारी विभागों को भी कोरोना काल में नुकसान उठाना पड़ा है. जिसका नतीजा ये हुआ कि कई विभागों से अपने अस्थाई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. ऐसे में लॉकडाउन का असर गुरुग्राम नगर निगम पर कितना पड़ा? ये जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में-

लॉकडाउन में भी खाली नहीं हुई गुरुग्राम नगर निगम की तिजोरी, वसूला 210 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स

कोरोना काल में हुए रेवेन्यू लॉस के कारण कई सरकारी दफ्तर से आउटसोर्स कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया, लेकिन गुरुग्राम नगर निगम ने ना ही सिर्फ कर्मचारियों को समय पर वेतन दिया, बल्कि किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला.

5000 से ज्यादा हैं सैनिटेशन कर्मचारी

गुरुग्राम नगर निगम में 5000 से ज्यादा सैनिटेशन (सफाई कर्मचारी) तैनात हैं. गुरुग्राम नगर निगम की मेयर मधु आजाद की मानें तो किसी भी कर्मचारी को नगर निगम ने पिछले 1 साल में कोरोना काल में हुए नुकसान की वजह से नहीं निकाला है. हालांकि 1-2 कर्मचारियों पर काम में लापरवाही बरतने पर जरूर कार्रवाई की गई है, लेकिन कोरोना की वजह से किसी भी कर्मचारी की नौकरी नहीं गई है.

समय पर मिलती है कर्मचारियों को सैलरी

नगर निगम कर्मचारियों ने बताया कि हर महीने की 5 तारीख से पहले ही उन्हें वेतन मिल जाता है और कोरोना काल में भी इन्हें सैलरी वक्त पर ही मिली है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान काम ज्यादा जरूर था, लेकिन निगम ने उनका पूरा सहयोग किया.

सैनिटाइजेशन कर्मचारियों का रहा अहम योगदान
मेयर ने बताया कि गुरुग्राम में कोरोना काल के दौरान 200 से ज्यादा कर्मचारी सैनिटाइजेशन का काम कर रहे थे. जहां भी कोरोना का मरीज मिलता था, वहां सैनिटाइजेशन का काम किया जाता था.

एक हजार से ज्यादा बैंक और ATM किए गए सैनिटाइज

उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से पब्लिक प्लेसिस पर सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है. ऐसे में साइबर सिटी गुरुग्राम में जहां मई-जून में कोरोना के सर्वाधिक मामले सामने आए तो वही सैनिटाइजेशन वर्करों का भी काम बेहद बढ़ गया. गुरुग्राम में 1 हजार से ज्यादा बैंक और एटीएम को समय-समय पर सैनिटाइज किया गया है.

'निगम ने वसूला 210 करोड़ प्रॉपर्टी टैक्स'

गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद की मानें तो कोरोना से हुए नुकसान में राज्य सरकार हर संभव मदद कर रही है. हालांकि गुरुग्राम नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली भी तेज कर दी है. वहीं गुरुग्राम में अब तक 210 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा चुका है और नगर निगम को उम्मीद है कि बचे हुए 2 महीनों में ये 250 करोड़ से ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स वसूल हो जाएगा. जिससे नगर निगम के हालात में और सुधार होगा.

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