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रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल, जानिए क्या है खासियत

साइबर सिटी के एक निजी अस्पताल ने रीढ़ की हड्डी जोड़ने का एक नया तरीका निकाला है. जिससे अब हड्डी के ऑपरेशन पूरी तरह कामयाब होंगे.

रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल
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Published : Feb 28, 2019, 8:54 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. देश-विदेश से लोग यहां पर अपना इलाज कराने आते हैं. चाहे किसी को हड्डी से संबंधित बीमारी हो या कोई और साइबर सिटी में सारी बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए जाना चाहता है.

exclusive talk to doter
रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल

ऑपरेशन का नया सर्जिकल तरीका
कहा जाता है इंसान की पूरी शक्ति उसकी रीढ़ की हड्डी में होती है और अगर इसी रीढ़ की हड्डी में कोई दिक्कत आ जाए तो लोग परेशान हो उठते हैं. लेकिन अब आपको घबराने की ज़रुरत नहीं है. क्योंकि साइबर सिटी के निजी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी में होने वाले ऑपरेशन का एक नया जरिया खोजा है. अब बिना चीरफाड़ के रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया जा सकता है.

रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल

रीढ़ की हड्डी का बेहतर इलाज
डॉक्टर की माने तो इसमें मरीज को पूरी तरह से सुरक्षित बचा लिया जाएगा. तो वहीं ऑपरेशन के बाद जल्द ही मरीज को अस्पताल से जल्द छुट्टी मिल जाएगी. वहीं डॉक्टर की माने पहले रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के लिए लंबी चिरफाड़ करनी पड़ती थी. जिससे मरीज का खून काफी बर्बाद होता था. लेकिन अब ऑब्लिक लेटरल इंटरबॉडी फ्यूजन तकनीक जो कि ओलिफ़ के नाम से भी जानी जाती है वो बहुत सक्रिय हो गई है. जो कि एक लेजर ऑपरेशन की तरह ही है.

'ओलिफ' रीढ़ की हड्डी की 80% समस्याओं को खत्म करता है
ओलिफ रीढ़ की हड्डी की 80% समस्याओं को ठीक कर सकती है. यही नहीं ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द सहना पड़ता है और मरीज को जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है. देश-विदेश से लोग यहां पर अपना इलाज कराने आते हैं. चाहे किसी को हड्डी से संबंधित बीमारी हो या कोई और साइबर सिटी में सारी बीमारियों के बेहतर इलाज के लिए जाना चाहता है.

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रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल

ऑपरेशन का नया सर्जिकल तरीका
कहा जाता है इंसान की पूरी शक्ति उसकी रीढ़ की हड्डी में होती है और अगर इसी रीढ़ की हड्डी में कोई दिक्कत आ जाए तो लोग परेशान हो उठते हैं. लेकिन अब आपको घबराने की ज़रुरत नहीं है. क्योंकि साइबर सिटी के निजी अस्पताल में रीढ़ की हड्डी में होने वाले ऑपरेशन का एक नया जरिया खोजा है. अब बिना चीरफाड़ के रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन किया जा सकता है.

रीढ़ की हड्डी जोड़ने के लिए नई सर्जिकल तकनीक का इस्तेमाल

रीढ़ की हड्डी का बेहतर इलाज
डॉक्टर की माने तो इसमें मरीज को पूरी तरह से सुरक्षित बचा लिया जाएगा. तो वहीं ऑपरेशन के बाद जल्द ही मरीज को अस्पताल से जल्द छुट्टी मिल जाएगी. वहीं डॉक्टर की माने पहले रीढ़ की हड्डी के ऑपरेशन के लिए लंबी चिरफाड़ करनी पड़ती थी. जिससे मरीज का खून काफी बर्बाद होता था. लेकिन अब ऑब्लिक लेटरल इंटरबॉडी फ्यूजन तकनीक जो कि ओलिफ़ के नाम से भी जानी जाती है वो बहुत सक्रिय हो गई है. जो कि एक लेजर ऑपरेशन की तरह ही है.

'ओलिफ' रीढ़ की हड्डी की 80% समस्याओं को खत्म करता है
ओलिफ रीढ़ की हड्डी की 80% समस्याओं को ठीक कर सकती है. यही नहीं ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द सहना पड़ता है और मरीज को जल्द ही अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाता है.

Intro:रीड की हड्डी को जोड़ने के लिए अब नहीं की जाएगी चिरफाड गुरुग्राम के निजी अस्पताल ने निकाला रीड की हड्डी को जोड़ने का नया तरीका.... रीड की हड्डी के ऑपरेशन अब होंगे पूरी तरह कामयाब... अब ओलिफ़ तकनीक का इस्तेमाल करके किया जाएगा रीड की हड्डी का ऑपरेशन


Body:साइबर सिटी गुरुग्राम बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है देश और विदेश से लोग यहां पर अपना इलाज कराने आते हैं कहा जाता है इंसान की पूरी शक्ति उसकी रीड की हड्डी में होती है तो वही इस बीमारी से भारत में काफी लोग पूछ रहे हैं लेकिन अब आपको घबराने की ज़रूरत नही है क़्योंकि साइबर सिटी के निजी अस्पताल में रीड की हड्डी में होने वाले ऑपरेशन का एक नया जरिया खोजा है.... अब बिना चीरफाड़ के रीड की हड्डी का ऑपरेशन किया जा सकता है....डॉक्टर की माने तो इसमें मरीज को पूरी तरह से सुरक्षित बचा लिया जाएगा तो वहीं ऑपरेशन के बाद जल्द ही मरीज को अस्पताल से जल्द छुट्टी मिल जाएगी....वही डॉक्टर की मानें तो हाई टेक्नोलॉजी के चलते लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते जिसके चलते उनको रीड की हड्डी में दिक्कत आनी स्वाभाविक है वहीं 60 साल के बुजुर्ग रीड की हड्डी के अलग-अलग बीमारियों से जूझते हैं और पहले रीड की हड्डी के ऑपरेशन के लिए लंबी चिरफाड करनी पड़ती थी जिससे मरीज का रक्त काफी बर्बाद होता था लेकिन अब ऑब्लिक लेटरल इंटरबॉडी फ्यूजन तकनीक जो कि ओलिफ़ के नाम से भी जाना जाता है बहुत सक्रिय हो गई जो कि एक लेजर ऑपरेशन की तरह ही है यह रीड की हड्डी की 80% समस्याओं को ठीक कर सकती है यही नहीं ऑपरेशन के बाद मरीज को कम दर्द सहना पड़ता ह और पेशेंट को जल्द ही अस्पताल से रिलीज कर दिया जाता है ताकि वह अपने निजी जिंदगी दोबारा जी सकें....

बाइट-डॉक्टर सुधीर दुबे, न्यूरोसाइंसेज डायरेक्टर


Conclusion:ओलिफ़ एक ऐसी सर्जरी है जो कई रूपों में बहुत अधिक फायदेमंद है और इस बीमारी से खतरा काफी हद तक घट जाता है.... ऐसे में मरीज के लिए यह एक बहुत अच्छी तकनीक है क्योंकि सबसे बड़ी बात है कि इसमें मरीज को बहुत जल्दी अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है ताकि वह अपनी निजी जिंदगी दोबारा से जल्द जी सके
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