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उद्योगों पर फिर पड़ा लॉकडाउन का असर, मजदूरों के पलायन से गहराया संकट

लॉकडाउन का असर एक बार फिर से उद्योगों पर दिखने लगा है. उद्योपतियों के मुताबिक अगर यही हाल रहा तो उन्हें मुश्किलें ज्यादा हो जाएगी. उन्होंने सरकार से टैक्स में राहत की अपील की.

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उद्योगों पर फिर पड़ा लॉकडाउन का असर
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Published : May 12, 2021, 3:29 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन का असर छोटे और मंझले उद्योगों पर साफ तौर से देखा जा सकता है. मारुति, हीरो और होंडा जैसे बड़े उद्योगों में संक्रमण को लेकर शट डाउन की घोषणा कर दी गई है.

उद्योगों पर फिर पड़ा लॉकडाउन का असर

जिसका असर छोटी औद्योगिक इकाइयों पर पड़ने लगा है. कई ऐसी कम्पनियां साइबर सिटी में मौजूद हैं. जिनपर ताले लटके साफ तौर से देखे जा सकते हैं. आईडीए के प्रधान केके गांधी की माने तो नाइट कर्फ्यू के बाद से ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था.

मजदूरों के पलायन के बाद पहले ही मुसीबतें बढ़ने लगी थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से हालात और बद्दतर होते जा रहे हैं. कंपनी सिर्फ 20 प्रतिशत लेबर के साथ चलानी पड़ रही है. वहीं इलेक्ट्रोप्लाटिंग के प्रधान उमेश कुमार की मानें तो मौजूदा समय में उद्योगों की हालत बेहद खराब दौर से गुजर रही है. जिसमें मजदूरों का पलायन एक बड़ी वजह बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: मुरादनगर उद्योग व्यापार मंडल का आरोप, कोरोना महामारी में बैंक कर्मचारी बरत रहे लापरवाही

उमेश कुमार का कहना है कि हमने हमेशा हर मुसीबत में सरकार की मदद की है. अब मुसीबत के टाइम में सरकार को उद्योगपतियों को टैक्स में छूट दे राहत देने की बारी है. हालांकि साइबर सिटी में बीते 3 दिन से संक्रमण के आंकड़े में कमी जरूर दर्ज की जा रही है, लेकिन मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में आने वाले 2/3 दिन काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे है. अगर संक्रमण बढ़ा तो लॉकडाउन भी बढ़ाया जा सकता है. जिससे उद्योगों को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन लगाया है. इस लॉकडाउन का असर छोटे और मंझले उद्योगों पर साफ तौर से देखा जा सकता है. मारुति, हीरो और होंडा जैसे बड़े उद्योगों में संक्रमण को लेकर शट डाउन की घोषणा कर दी गई है.

उद्योगों पर फिर पड़ा लॉकडाउन का असर

जिसका असर छोटी औद्योगिक इकाइयों पर पड़ने लगा है. कई ऐसी कम्पनियां साइबर सिटी में मौजूद हैं. जिनपर ताले लटके साफ तौर से देखे जा सकते हैं. आईडीए के प्रधान केके गांधी की माने तो नाइट कर्फ्यू के बाद से ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया था.

मजदूरों के पलायन के बाद पहले ही मुसीबतें बढ़ने लगी थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद से हालात और बद्दतर होते जा रहे हैं. कंपनी सिर्फ 20 प्रतिशत लेबर के साथ चलानी पड़ रही है. वहीं इलेक्ट्रोप्लाटिंग के प्रधान उमेश कुमार की मानें तो मौजूदा समय में उद्योगों की हालत बेहद खराब दौर से गुजर रही है. जिसमें मजदूरों का पलायन एक बड़ी वजह बना हुआ है.

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उमेश कुमार का कहना है कि हमने हमेशा हर मुसीबत में सरकार की मदद की है. अब मुसीबत के टाइम में सरकार को उद्योगपतियों को टैक्स में छूट दे राहत देने की बारी है. हालांकि साइबर सिटी में बीते 3 दिन से संक्रमण के आंकड़े में कमी जरूर दर्ज की जा रही है, लेकिन मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में आने वाले 2/3 दिन काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे है. अगर संक्रमण बढ़ा तो लॉकडाउन भी बढ़ाया जा सकता है. जिससे उद्योगों को बड़े संकट का सामना करना पड़ सकता है.

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