नई दिल्ली/करनाल: जिले के राजमार्गों पर ढाबों के पास बने अवैध कट को अब प्रशासन बंद करने जा रहा है. इसके साथ ही प्रशासन जिले में अवैध ढाबों पर भी कार्रवाई करने जा रहा है. इस बात की जानकारी जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने दी.
बता दें कि बुधवार को जिला लघु सचिवालय के सभागार में एक बैठक की गई. इस बैठक में जिले को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की. समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने जानकारी दी कि करनाल में कईं महीनों से अवैध निर्माण के खिलाफ डेमोलिशन की कार्यवाही लगातार जारी है. इसमें अच्छी खासी सफलता भी मिली है. इसे लेकर अब करनाल गुरूग्राम और फरीदाबाद के बाद प्रदेश का तीसरा जिला बन गया है.
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'कॉलोनी रैगुलर करने के लिए आवेदन किये जा सकते हैं'
उपायुक्त ने बताया कि जिला मुख्यालय, तहसील और नगरनिगम क्षेत्र में जो भी अवैध कॉलोनियां हैं, उनको रैगूलर करवाने के लिए व्यक्तिगत तौर से एक पोर्टल पर सरकार को आवेदन दिया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इस तरह के 26 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. इसके बाद सारे नियम, कायदे-कानून और फिजीबिलिटी के आधार पर ही सरकार इस पर निर्णय लेगी. बैठक में डीटीपी ने डीसी को अवगत कराया कि बीते सितम्बर में हाईवे पर 3-4 ही ढाबे ऐसे थे, जिनके पास सीएलयू था, अब इनकी संख्या 18 हो गई है और अगले कुछ समय में 24 से 25 होने की उम्मीद है.
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अवैध कॉलोनियों को सफाया करेगा प्रशासन
करनाल स्मार्ट सिटी बन रहा है, जिसको लेकर कई योजनाएं बनाई जा रही हैं और कई योजनाओं पर काम चल रहा है. उन्हीं में से एक अवैध निर्माण का फैलाव करनाल के अंदर काफी है जिसके लिए नगर निगम के अधिकारी पुरजोर ऐसी अवैध कॉलोनियों और इमारतों का सफाया करने में प्रयासरत है. हालांकि अधिकारियों को इसके लिए राजनीति में पैठ रखने वाले लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन नगर निगम डीटीपी पीछे नहीं हटे. परिणाम ये हुआ कि आज करनाल प्रदेश में अवैध निर्माणों का सफाया करने में तीसरे नंबर पर है.