नई दिल्ली/गाजियाबाद: राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर मोदीनगर के क्रिकेट प्रेमी युवाओं ने सरकार से मांग की है कि उनके यहां क्रिकेट का स्टेडियम बनाया जाए. ताकि वे भी बेहतर खेलकर देश का नाम ऊंचा कर सकें. हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का आज जन्मदिन है. मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन भारत देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसलिए देश में हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है.
खेल दिवस के अवसर पर खिलाड़ियों और युवाओं को प्रोत्साहन और उनको आगे बढ़ने की प्रेरणा दी जाती है. वहीं दूसरी ओर मोदीनगर क्षेत्र में युवाओं के लिए स्टेडियम ना होने से वह मजबूरी में क्रिकेट नहीं खेल पाते हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने युवाओं से खास बातचीत की.
इस बातचीत के दौरान मोदीनगर निवासी क्रिकेट प्रेमी समीर मलिक ने कहा कि उनके मोदीनगर क्षेत्र में क्रिकेट या अन्य कोई खेल खेलने के लिए स्टेडियम की व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में उनको सरकारी स्कूल में स्थित स्टेडियम में क्रिकेट खेलने के लिए जाना पड़ता है, जहां से उनको भगा दिया जाता है. ऐसे में राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर वो सरकार से मांग करते हैं कि मोदीनगर में स्टेडियम बनाया जाए. ताकि वो क्रिकेट या अन्य खेल खेलकर देश का नाम ऊंचा कर सकें.
'मोदीनगर में बनना चाहिए स्टेडियम'
वहीं मोदीनगर के ही रहने वाले युवा आसिफ ने कहा कि वो क्रिकेट खेलने के काफी शौकीन हैं. लेकिन मोदीनगर इलाके में कहीं भी क्रिकेट का स्टेडियम न होने की वजह से वो गांव में स्थित खेतों में क्रिकेट खेलते हैं. लेकिन बरसात के दिनों में वहां पर पानी भर जाने और घास उग आने की वजह से वो खेल नहीं पाते हैं. इसलिए वह चाहते हैं कि मोदीनगर क्षेत्र में स्टेडियम बनाया जाएं.
'युवाओं की घनी आबादी होने के बावजूद नहीं है स्टेडियम'
मोदीनगर के भोजपुर गांव निवासी रईस मलिक ने कहा कि उनका गांव जिला गाजियाबाद की घनी आबादी वाले गांवों में से एक है. जहां पर तकरीबन 10 से 15000 की आबादी है. उनकी एक प्रमुख समस्या यह है कि गांव में अधिकतर युवा होने के बावजूद खेल जगत से जुड़े लोगों के लिए कोई भी खेलने का स्थान नहीं है. मजबूरी में उनको आस-पास के गांव में जाना पड़ता है.
इसलिए वह चाहते हैं कि उनके गांव में रेस लगाने वाले युवाओं के लिए और स्पोर्ट्स खेलने वाले युवाओं के लिए एक स्टेडियम बनाया जाए. इसीलिए वो आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शासन से गांव में स्टेडियम बनवाने की मांग करते हैं.