नई दिल्ली: विश्व में योग की लोकप्रियता तेजी के साथ बढ़ती जा रही है. शरीर को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ बनाने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी योग एक अहम भूमिका निभा रहा है. आज कल के दौर में केवल बुजुर्ग और युवा ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी योग को अपने जीवन का हिस्सा बना रहे हैं. गाजियाबाद के वसुंधरा में रहने वाले ध्रुव शर्मा की उम्र 13 साल है. ध्रुव बीते 5 वर्षों से योग कर रहे हैं. कक्षा 8 में पढ़ने वाले ध्रुव शर्मा ने योग के दम पर अपनी दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई है. उन्हें दर्जनों पुरस्कारों से नवाजा गया है.
ध्रुव बताते हैं कि योग करने की प्रेरणा उन्हें उनकी नानी से मिली. हर सुबह अपनी नानी के साथ नजदीकी पार्क में योग करने जाया करते थे और धीरे-धीरे उनकी योग में रुचि बढ़ती चली गई. योग के सफर को आगे बढ़ाने के लिए स्कूल ने भी उनका काफी हौसला बढ़ाया. उन्होंने बताया कि नियमित रूप से योग करने से शरीर को निरोगी बनाया जा सकता है. साथ ही पढ़ाई समेत अन्य कार्यों में ध्यान केंद्रित करना भी काफी आसान हो जाता है.
पीएम मोदी को मानते हैं आदर्श
ध्रुव शर्मा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी प्रभावित है. प्रधानमंत्री को अपना आदर्श मानते हैं. ध्रुव का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना और उनके साथ योग करना है. जिस तरह से 11 साल की उम्र में नौनिहाल ने नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, उससे यह साफ तौर पर जाहिर होता है कि आगे आने वाले समय में ध्रुव देश का नाम दुनिया भर में रौशन करेंगे.
ध्रुव शर्मा की उपलब्धियां • सितंबर 2019 में उत्तर प्रदेश के हापुड़ में आयोजित हुई योग स्टेट चैंपियनशिप में ध्रुव ने एथलेटिक योग में "गोल्ड मेडल" हासिल किया था.• 2019 में रांची के खेल गांव मे आयोजित हुई तीसरी फेडरेशन योग खेल प्रतियोगिता में ध्रुव ने भाग लिया और फ्री फ्लो योग में गोल्ड मेडल हासिल किया.• कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत 2017 में श्रीलंका जा चुके हैं ध्रुव. श्रीलंका में उन्हें भारत के सहायक उच्चायुक्त ने सरकार की ओर से ट्रॉफी देकर सम्मानित किया था.• गाजियाबाद के सांसद वीके सिंह की तरफ से ध्रुव को हीरोज नेक्स्ट डोर (Heroes Next Door) अवार्ड देकर सम्मानित किया जा चुका है.• राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर आयोजित योग प्रतियोगिता में ध्रुव के नाम 100 से अधिक पदक और 50 से अधिक ट्राफियां है.• अप्रैल, 2018 में ध्रुव को शिमला में केवल्य इंटरनेशनल योगा अवार्ड से सम्मानित किया गया था.
लॉकडाउन में सिखाया योगा
कोरोना काल के दौरान ध्रुव शर्मा ने लोगों के जीवन में योग को शामिल करने में अहम भूमिका निभाई. लॉकडाउन के दौरान जब लोग घरों में मानसिक तनाव से जूझ रहे थे तो ऐसे समय में ध्रुव ने ऑनलाइन योगा क्लासेस देकर लोगों को मानसिक और शारीरिक तौर पर स्वस्थ करने का प्रयास किया. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर ध्रुव शर्मा ने लोगों से अपील की है कि अधिक से अधिक लोग योग से जुड़े और अपने जीवन को बेहतर बनाएं. योग दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान और भगवान शिव को योग का सबसे पहला गुरु माना जाता है. इसलिए उन्हें आदियोगी भी कहते हैं. वहीं महर्षि पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है. वहीं अगर दूसरी ओर विश्व मंच पर योग की बात की जाए तो पीएम मोदी ने विश्व भर में योग को प्रचार करने में अहम भूमिका निभाई है. योग को दुनिया का सबसे प्राचीन विज्ञान माना गया है.
शरीर के साथ मन को स्वस्थ रखता है योग
माना जाता है कि महर्षि पतंजलि ने 200 ईसा पूर्व योगसूत्र की रचना की थी. हिंदू धर्म में योग को ईश्वर से जुड़ने का माध्यम माना गया है. महावीर और बुद्ध के काल में भी योग का अहम स्थान रहा. हालांकि योग किसी खास धर्म या आस्था का विषय नहीं है. आम तौर पर लोग योग को शारीरिक फिटनेस के लिए अपनाते हैं लेकिन ये शरीर के साथ मन को भी स्वस्थ रखता है. योग के जरिए मन और शरीर के बीच तालमेल स्थापित किया जाता है.
दुनिया ने माना योग का लोहा
योग को विदेशों तक पहुंचाने में स्वामी विवेकानंद सहित कई योगाचार्यों की भूमिका रही है. योग के फायदों को समझने के बाद धीरे-धीरे दुनिया भर के देशों ने भारत के इस विज्ञान का लोहा मान लिया.
21 जून को क्यों मनाते हैं योग दिवस
27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी ने योग दिवस को लेकर प्रस्ताव रखा था. यूएन के 193 सदस्य देशों में 177 ने प्रस्ताव का समर्थन किया और 11 दिसंबर 2014 को इसे मंजूर कर लिया गया. 21 जून 2015 को पहला विश्व योग दिवस मनाया गया. 21 जून धरती के उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है. इस दिन सूर्य दक्षिणायन हो जाता है. मान्यता है कि इस अवस्था में योग करने से जल्दी लाभ मिलना शुरू होता है.
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