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परिवार की टूटी कमाई तो छूटी पढ़ाई, अब मिला 'शिक्षा का तोहफा' - महिलाओं ने दिया शिक्षा का तोहफा

बसंत पंचमी के मौके पर 9 जरूरतमंद बच्चों को कुछ महिलाओं ने मिलकर शिक्षा का तोहफा दिया है. मामला गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके का है.

Women gave gift of education to needy children in ghaziabad
गाजियाबाद
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Published : Feb 16, 2021, 8:20 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मां सरस्वती के त्यौहार बसंत पंचमी पर राजधानी दिल्ली से सटे में गाजियाबाद की कुछ सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं ने 9 जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है. ये वो बच्चे हैं, जो कोरोना काल से पहले पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने के बाद वे अपनी पढ़ाई आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे.

महिलाओं ने जरूरतमंद बच्चों दिया शिक्षा का तोहफा
लॉकडाउन में आया बच्चों को देखकर आईडिया
स्कूल की मुख्य संचालिका ममता मिश्रा ने बताया कि वह डांस टीचर थी, लेकिन लॉकडाउन में उन्हें लगा कि जरूरतमंद बच्चों की स्टडी के लिए कुछ काम करना चाहिए. इस बीच कुछ अन्य महिलाओं से बातचीत हुई और उनके सहयोग और डोनेशन से मिलकर स्कूल खोलने की प्लानिंग की.

आज उसी स्कूल का औपचारिक उद्घाटन भी कर दिया गया. बसंत पंचमी से अच्छा मौका इस काम के लिए हो भी नहीं सकता था.

यह भी पढ़ें: समग्र शिक्षा अभियान: रंग उत्सव में दिल्ली छावनी मदर टेरेसा स्कूल के छात्रों ने जीता इनाम

बच्चों के अभिभावक और बच्चे ने बताई दास्तान

एक बच्ची ने बताया कि उसके पिता की कमाई कोरोना का आज से पहले ठीक-ठाक थी. लेकिन बाद में काफी परेशानी का दौर देखना पड़ा. पिता सोफे की सिलाई का काम करते हैं और काम नहीं मिल पा रहा था. इसलिए आर्थिक संकट गहरा गया था और स्कूल की फीस जमा नहीं कर पाए थे.

ऐसे में वसुंधरा के स्कूल से मिला सहारा पढ़ाई को आगे ले जाने के लिए मददगार बना है. वहीं एक जरूरतमंद बच्ची की मां ने बताया कि उनकी सैलरी मात्र 4 हज़ार रुपये है. ऐसे में बच्चों को पढ़ाई दिलवा पाना आसान नहीं था।मगर इस स्कूल में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है. वहीं बच्चे भी काफी उत्साहित हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: मां सरस्वती के त्यौहार बसंत पंचमी पर राजधानी दिल्ली से सटे में गाजियाबाद की कुछ सोसाइटी में रहने वाली महिलाओं ने 9 जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है. ये वो बच्चे हैं, जो कोरोना काल से पहले पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाने के बाद वे अपनी पढ़ाई आगे नहीं बढ़ा पा रहे थे.

महिलाओं ने जरूरतमंद बच्चों दिया शिक्षा का तोहफा
लॉकडाउन में आया बच्चों को देखकर आईडियास्कूल की मुख्य संचालिका ममता मिश्रा ने बताया कि वह डांस टीचर थी, लेकिन लॉकडाउन में उन्हें लगा कि जरूरतमंद बच्चों की स्टडी के लिए कुछ काम करना चाहिए. इस बीच कुछ अन्य महिलाओं से बातचीत हुई और उनके सहयोग और डोनेशन से मिलकर स्कूल खोलने की प्लानिंग की.

आज उसी स्कूल का औपचारिक उद्घाटन भी कर दिया गया. बसंत पंचमी से अच्छा मौका इस काम के लिए हो भी नहीं सकता था.

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बच्चों के अभिभावक और बच्चे ने बताई दास्तान

एक बच्ची ने बताया कि उसके पिता की कमाई कोरोना का आज से पहले ठीक-ठाक थी. लेकिन बाद में काफी परेशानी का दौर देखना पड़ा. पिता सोफे की सिलाई का काम करते हैं और काम नहीं मिल पा रहा था. इसलिए आर्थिक संकट गहरा गया था और स्कूल की फीस जमा नहीं कर पाए थे.

ऐसे में वसुंधरा के स्कूल से मिला सहारा पढ़ाई को आगे ले जाने के लिए मददगार बना है. वहीं एक जरूरतमंद बच्ची की मां ने बताया कि उनकी सैलरी मात्र 4 हज़ार रुपये है. ऐसे में बच्चों को पढ़ाई दिलवा पाना आसान नहीं था।मगर इस स्कूल में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है. वहीं बच्चे भी काफी उत्साहित हैं.

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