नई दिल्ली/गाजियबाद : लॉकडाउन 5.0 के दौरान धार्मिक स्थल खोले जाने पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सरकार के फैसले का स्वागत किया है. धार्मिक स्थल खोले जाने को लेकर मुरादनगर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नगर अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद रिजवान का कहना है कि देर आए दुरुस्त आए.
फैसले का स्वागत
करीब 2 महीने 8 दिन लंबे लाॅकडाउन के बाद सरकार ने लाॅकडाउन के पांचवें चरण में 8 जून से सभी धार्मिक स्थल खोलने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले का मुरादनगर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नगर अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद रिजवान ने स्वागत किया है. अगर यही फैसला रमजान के महीने और अलविदा जुमे के दिन लिया जाता तो और भी अच्छा होता. इससे कि सभी मुस्लिम लोग जुमे की नमाज और ईद उल फितर की नमाज भी मस्जिदों में पढ़ पाते.
कोरोना के खात्मे की करेंगे दुआएं
मौलाना मोहम्मद रिजवान ने धार्मिक स्थल खोलने के सरकार के फैसले को लेकर कहा कि देर आए दुरुस्त आए. यह फैसला अच्छा है 8 जून से मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा चर्च खुलने के बाद सभी लोग अपने रब की इबादत करेंगे और वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बचने के लिए और उसके खात्मे के लिए दुआएं करेंगे.
मौलाना मोहम्मद रिजवान का कहना है कि जिस तरीके से मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी मस्जिदों में खुदा से कोरोना वायरस के खात्में की दुआएं करेंगे. ठीक उसी तरह सभी धर्मों के लोग अपने-अपने धार्मिक स्थलों में इस महामारी से बचने के लिए दुआएं करेंगे और आपस में भाईचारा बनाकर रखेंगे.