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हल्की बारिश के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जलभराव, देखें वीडियो

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के गाज़ियाबाद में ज्यादातर हिस्से पानी में समा गए हैं, जिसके चलते ट्रैफिक की गति धीमी हो गई है. इस समस्या की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जलभराव
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जलभराव
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Published : Aug 7, 2021, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफ़िक संचालन अप्रैल से शुरू कर दिया गया था लेकिन अब हालत ये है कि यहां बारिश के बाद जलजमाव हो गया. दरअसल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के गाज़ियाबाद सीमा के अंतर्गत आने वाले विभिन्न हिस्से में देखने को मिला कि बरसात के मौसम में एक्सप्रेस-वे पर बारिश होने के बाद जलभराव हो गया. इसके चलते ट्रैफिक की गति धीमी हुई और लोगों को परेशानी उठानी पड़ी.

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे 16 लेन का हाइवे है. आमतौर पर हाईवे खेतों से सटे होते हैं. ऐसे में हाइवे पर किसी ड्रेनेज सिस्टम की आवश्यकता नहीं होती. बारिश का पानी हाइवे से खेतों में उतर जाता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बारिश के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जमीन में सहेजा जाता है.

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जलभराव

मुदित गर्ग ने बताया रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी को जमीन में पहुंचने में तकरीबन आधे घंटे तक का समय लग जाता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर कहीं भी ज्यादा समय के लिए जलभराव नहीं हुआ है. हाइवे से गुजरने वाले लोग अधिकतर कचरा सड़क पर फेंक देते हैं, जिससे जल निकासी तंत्र प्रभावित होता है और पानी को निकलने में समय लग जाता है.

इसे भी पढ़ें:दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे NH24 के फ्लाई ओवर में आई दरार !

इसे भी पढ़ें: जलभराव के चलते गड्ढे में पलटा ई रिक्शा ऑटो, हादसे का लाइव वीडियो

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफ़िक संचालन अप्रैल से शुरू कर दिया गया था लेकिन अब हालत ये है कि यहां बारिश के बाद जलजमाव हो गया. दरअसल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के गाज़ियाबाद सीमा के अंतर्गत आने वाले विभिन्न हिस्से में देखने को मिला कि बरसात के मौसम में एक्सप्रेस-वे पर बारिश होने के बाद जलभराव हो गया. इसके चलते ट्रैफिक की गति धीमी हुई और लोगों को परेशानी उठानी पड़ी.

दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे 16 लेन का हाइवे है. आमतौर पर हाईवे खेतों से सटे होते हैं. ऐसे में हाइवे पर किसी ड्रेनेज सिस्टम की आवश्यकता नहीं होती. बारिश का पानी हाइवे से खेतों में उतर जाता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर बारिश के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से जमीन में सहेजा जाता है.

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जलभराव

मुदित गर्ग ने बताया रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पानी को जमीन में पहुंचने में तकरीबन आधे घंटे तक का समय लग जाता है. दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर कहीं भी ज्यादा समय के लिए जलभराव नहीं हुआ है. हाइवे से गुजरने वाले लोग अधिकतर कचरा सड़क पर फेंक देते हैं, जिससे जल निकासी तंत्र प्रभावित होता है और पानी को निकलने में समय लग जाता है.

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