नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद जनपद में घंटाघर रामलीला गाजियाबाद की सबसे प्राचीन रामलीला है. तकरीबन 105 वर्षों से घंटाघर रामलीला का आयोजन होता आ रहा है. घंटाघर रामलीला पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रमुख रामलीला में से एक है. रामलीला को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं. सुललामल रामलीला कमेटी द्वारा रामलीला का आयोजन कराया जाता है. 19 सितंबर से रामलीला का मंचन शुरू हुआ था लेकिन लगातार हो रही बारिश ने रामलीला की रौनक को फीका कर दिया है.
सुललामल रामलीला कमेटी के पदाधिकारी राजेंद्र मेंदी वाले बताते हैं कि बारिश कितनी भी बरसे लेकिन रामलीला का मंचन जारी रहेगा. बारिश हमारे इरादों को कमजोर नहीं कर सकती है. बारिश को मद्देनजर रखते हुए रामलीला कमेटी की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई है.
रामलीला को घर-घर तक दिखाने की व्यवस्था की गई है. रामलीला को डिजिटल कैमरों के माध्यम से टेलीकास्ट कर घर-घर तक पहुंचाया जा रहा है. रामलीला मैदान में बारिश के चलते जो जलभराव हुआ है उसकी मशीनों के माध्यम से निकासी की जा रही है. बारिश को देखते हुए कमेटी के सभी मेंबर जमीनी स्तर पर मौजूद है और व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने की कवायद कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें:रामलीला ग्राउंड के कमरे में शराब पीते वीडियो वायरल, हिरासत में चार आरोपी
सुललामल रामलीला कमेटी के अध्यक्ष वीरू बाबा के मुताबिक, सुललामल रामलीला 100 वर्ष से अधिक प्राचीन रामलीला है. संस्था के समस्त पदाधिकारियों की महनत, लग्न व सहयोग से रामलीला का मंचन किया जा रहा है. लीला के मंचन को देखने के लिए शहर के साथ-साथ आसपास के गांव से भी राम भक्त लीला को देखने आ रहे हैं.
नीरा बक्शी के निर्देशन में रामलीला का मंचन 19 सितंबर से शुरू हुआ है. कोरोना के चलते दो साल से रामलीला का मंचन नहीं हुआ. जिसके चलते लोगों में इस साल रामलीला देखने को लेकर काफी उत्साह है. बारिश के चलते घंटाघर रामलीला मैदान में जलभराव हो गया है. मैदान से पानी निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
घंटाघर रामलीला मैदान में मौजूद दुकानदार नासिर बताते हैं, 'बारिश होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मैदान में पानी भर चुका है. सामान पैक हो रखा है. बारिश रुकेगी तो सामान को खोला जाएगा. मैदान में अगर पानी भरा रहता है तो ऐसे में कौन आएगा.'
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप