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स्पेशल: लाॅकडाउन में दवाई और मजदूर ना मिल पाने से उड़द की खेती बर्बाद

उड़द की दाल की खेती करने वाले किसान का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से उनको फसल की दवाईयां और मजदूर नहीं मिल पाए. इसकी वजह से उनकी उड़द की खेती बर्बाद हो रही है.

Urad cultivation destroyed due to lack of medicines in lockdown
उड़द की खेती बर्बाद
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Published : Jun 5, 2020, 1:01 AM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दलहनी फसलों में उड़द की दाल का प्रमुख स्थान होता हैं. भारत में इसकी खेती लगभग हर राज्य में होती है. इसके लिए मार्च-अप्रैल का मौसम उपयुक्त है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में उड़द की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.

लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते उड़द की खेती करने वाले किसानों के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने किसान से खास बातचीत की.

उड़द की खेती करने वाले किसान विजेंद्र ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि किस प्रकार उड़द की दाल की खेती की जाती है. वहीं उन्होंने बताया कि इस बार लॉकडाउन के कारण फसल की दवाई और मजदूर ना मिल पाने के कारण उनकी उड़द की खेती बर्बाद हो रही है.

उड़द की खेती बर्बाद

लॉकडाउन में नहीं मिल पाई दवाई

किसान ने बताया कि अगर फसल पर समय से दवाई लगा देते तो आवारा जानवर उनकी फसल नहीं खाते. इसके साथ उन्होंने बताया कि मजदूर ना मिलने से उड़द की फसल में घास उग आई हैं. वरना अब तक उड़द की फसल को तैयार हो जाना चाहिए था. किसान ने यह भी बताया कि आवारा पशुओं की वजह से भी उनकी फसल बर्बाद हो रही है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: दलहनी फसलों में उड़द की दाल का प्रमुख स्थान होता हैं. भारत में इसकी खेती लगभग हर राज्य में होती है. इसके लिए मार्च-अप्रैल का मौसम उपयुक्त है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में उड़द की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं.

लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते उड़द की खेती करने वाले किसानों के हालात को लेकर ईटीवी भारत ने किसान से खास बातचीत की.

उड़द की खेती करने वाले किसान विजेंद्र ने ईटीवी भारत की टीम को बताया कि किस प्रकार उड़द की दाल की खेती की जाती है. वहीं उन्होंने बताया कि इस बार लॉकडाउन के कारण फसल की दवाई और मजदूर ना मिल पाने के कारण उनकी उड़द की खेती बर्बाद हो रही है.

उड़द की खेती बर्बाद

लॉकडाउन में नहीं मिल पाई दवाई

किसान ने बताया कि अगर फसल पर समय से दवाई लगा देते तो आवारा जानवर उनकी फसल नहीं खाते. इसके साथ उन्होंने बताया कि मजदूर ना मिलने से उड़द की फसल में घास उग आई हैं. वरना अब तक उड़द की फसल को तैयार हो जाना चाहिए था. किसान ने यह भी बताया कि आवारा पशुओं की वजह से भी उनकी फसल बर्बाद हो रही है.

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