नई दिल्ली/गाजियाबाद: किसान नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. चौधरी अजित सिंह की तेरहवीं के मौके पर मंगलवार को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उनकी तस्वीर के आगे शीश नभाने के बाद कहा कि इस आंदोलन की कामयाबी ही चौधरी साहब हो सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
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दिल्ली में रहते हुए चौ. साहब ने रखी आंदोलन पर नजर: टिकैत
पिछले दिनों को याद करते हुए भावुक हुए राकेश टिकैत ने कहा कि चौधरी साहब दिल्ली में बैठकर भी एक नजर किसान आंदोलन पर रखे हुए थे और जब उन्हें लगा कि किसानों को हमें उनकी मदद की जरूरत है. उन्होंने इस बात का अहसास दिलाने में देर नहीं की कि किसानों की इस लड़ाई में वह हर वक्त आंदोलन के साथ हैं.
इतना ही नहीं कोरोना की चपेट में आने के बाद अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भी उन्होंने आंदोलन के साथ संपर्क बनाए रखा और किसानों के हितों की परवाह करते हुए वह कोरोना से जंग हार गए.
किसान आंदोलन को मुकाम तक पहुंचाना सच्ची श्रद्धांजलि
उन्होंने कहा कि सही मायने में किसान आंदोलन के मुकाम पर पहुंचने के बाद ही पुण्य आत्मा को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सकेगी. आंदोलन स्थल पर चौधरी अजित सिंह की आत्मा की शांति के लिए किसानों ने हवन किया और उसके बाद तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर किसानों ने चौधरी अजित सिंह को याद किया.
छह मई को हुआ था अजित सिंह का निधन
इस मौके पर कई बुजुर्ग आंदोलनकारियों ने चौधरी अजित सिंह के संस्मरण सुनाए और उनकी कमी को महसूस भी किया. बता दें कि कोरोना से काफी लंबी जंग के बाद चौधरी अजित सिंह का 6 मई को निधन हो गया था. उनके निधन की खबर पाते ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में मौजूद हजारों किसानों की आंखें नम हो गई थीं.