नई दिल्ली/गाजियाबाद: प्रेरणा ऐप के खिलाफ जनपद गाजियाबाद में विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को जिला मुख्यालय पर भारी तादाद में शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले मशाल जुलूस निकाला और प्रेरणा ऐप के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.
इस दौरान शिक्षकों ने हाथ में मशालें लेकर 'शिक्षक एकता जिंदाबाद' और 'प्रेरणा ऐप वापस जाओ' के नारे लगाए.
प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री से ईटीवी भारत की बातचीत
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय मंत्री, डॉ. अनुज त्यागी ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्रदेश के तमाम जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला. मशाल जुलूस के जरिए उत्तर प्रदेश सरकार को तमाम शिक्षक ये संदेश देना चाहते हैं कि प्रदेश सरकार प्रेरणा ऐप से सेल्फी के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति मांगी रही है, हम किसी भी मॉनिटरिंग के विरुद्ध नहीं है.
सरकार अपने किसी भी विभाग से शिक्षकों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग करा सकती है लेकिन मॉनिटरिंग का तरीका सेल्फी नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी सरकारी कर्मचारी की मॉनिटरिंग सेल्फी के माध्यम से नहीं होती है. इसलिए हम सेल्फी का विरोध करते हैं.
शिक्षक ने ऐप डाउनलोड करने से किया मना
शिक्षक इस ऐप को अपने फोन में डाउनलोड नहीं करेंगे, उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो बायोमेट्रिक लगाकर या किसी अन्य माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कर सकती है. डॉक्टर त्यागी ने बताया कि उत्तर प्रदेश का प्रत्येक शिक्षक विद्यालय समय से जाता है और निष्ठा पूर्वक पढ़ाता है, उनकी निष्ठा पर संदेह करना पूरी तरह से बेबुनियाद है.
महिलाओं ने उठाया सुरक्षा का मुद्दा
प्रदर्शन में मौजूद शिक्षिका प्रगति अग्रवाल ने बताया की प्रेरणा ऐप से तमाम महिला शिक्षिकाएं इसलिए घृणा कर रहे हैं क्योंकि इसमें महिलाओं की फोटो की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा कि हमारे फोटो का गलत इस्तेमाल नहीं होगा. उन्होंने कहा केवल हमारे विभाग में सेल्फी के माध्यम से उपस्थिति क्यों मांगी जा रही थी है जबकि ऐसा किसी और विभाग में नहीं है.
बता दें, शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के आगे सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने इकट्ठा होकर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले प्रदर्शन किया था.