नई दिल्ली : पिछले साल के मुकाबले इस साल आलू की पैदावार में काफी कमी आई है. इस बार कम पैदावार ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें और बढ़ा दी हैं. कम पैदावार होने और सही भाव न मिलने से भी किसान परेशान हैं. आलू की खेती करने वाले किसान का कहना है कि इस बार उनकी आलू की फसल में जितनी लागत लगी है. उनको वह भी निकालना मुश्किल लग रहा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने किसान से बातचीत की है.
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ईटीवी भारत को किसान विकास त्यागी ने बताया कि उनकी आलू की फसल लगभग 4 महीने में तैयार होती है. इसके साथ ही इस बार मौसम की वजह से कम आलू की पैदावार हुई है, लेकिन वहीं दूसरी ओर उनकी जो लागत और मजदूरी है वह भी नहीं मिल पाती है .
कृषि कानूनों को लेकर बोले किसान
किसान ने बताया कि आलू की फसल लगाने के समय उनकी लागत 50 हजार थी और अब मजदूरी लगाकर 55 से 56 हजार रुपये का पूरा खर्च आएगा, लेकिन जब वह इस फसल को बाजार में बेचेंगे तो उनको मुश्किल से 50 से 55 हजार रुपये मिल पाएंगे.