नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले 45 दिनों से लगातार जारी है. किसानों के समर्थन में अलग-अलग संस्थाएं लगातार किसानों की मदद कर रही हैं. कुछ ऐसे भी लोग हैं जो निस्वार्थ भाव से निशुल्क किसानों को अपनी सुविधाएं दे रहे हैं. गाजीपुर बॉर्डर पर ऐसे ही एक शख्स हैं उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से आए शाहनवाज, जो बॉर्डर पर किसानों की फ्री में शेविंग कर रहे हैं.
रोजाना 60 लोगों की शेविंग कर रहा शाहनवाज
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से आए शाहनवाज ने बताया कि वहां से 17-18 लोगों की टीम आई है. जो दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर किसानों की फ्री में शेविंग कर रही है. अभी कुछ लोग वापस घर गए हैं. हम यहां ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर आए हैं और उसी में हमारा सामान है. जब 25 तारीख को गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की टोली आई तो किसानों ने हमें बताया कि यहां पर शेविंग करने की कोई सुविधा नहीं है और जो बुजुर्ग किसान हैं उन्हें दिक्कतें हो रही हैं. जो जवान किसान हैं वह तो खोड़ा और आसपास के इलाकों में जाकर अपनी शेविंग करवा रहे हैं, लेकिन बुजुर्ग किसानों को दिक्कत हो रही है.
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सामान की नहीं है कोई दिक्कत: शाहनवाज
शाहनवाज ने बताया कि शेविंग में इस्तेमाल होने वाले सामान की यहां कोई दिक्कत नहीं है. कई सारे लोग यहां शेविंग का सामान पहुंचा रहे हैं. अभी एक दिन में लगभग 60 लोगों की शेविंग की जा रही है. यहां शेविंग कराने पहुंचे मुजफ्फरनगर के किसान रवि सिंह रावत ने बताया कि हजामत के लिए हमें परेशान होना नहीं पड़ रहा था. पहले हमें गाजीपुर बॉर्डर से 2 किलोमीटर दूर खोड़ा में जाकर अपनी हजामत बनवानी पड़ती थी. यह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं और इनकी जितनी तारीफ की जाए वह कम है.
किसानों ने मुझसे कहा कि अगर बॉर्डर पर अपनी सेवा दे सकते हो तो बॉर्डर पर चलो. मैंने भी सोचा कि सेवा करना तो सबसे बड़ा पुण्य है, जिसके बाद हम अपनी टीम के साथ गाजीपुर बॉर्डर आ गए. यहां आने पर किसानों ने ही मुझे कुर्सी और सारा सामान उपलब्ध कराया है. इसके बाद में रोजाना लगभग 60 किसानों की शेविंग कर रहा हूं.
शाहनवाज, मुफ्त शेविंग करने वाला युवक