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किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर देश भर में मनाया जाएगा काला दिवस: BKU - 6 माह पर मनाया जाएगा काला दिवस

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 26 मई को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए कुछ दिशा-निर्देश भी तय किए गए हैं, जिसका पालन राष्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर ग्राम अध्यक्ष तक किया जाना है.

sayukt kisan Morcha decision to celebrate Black Day on 26 May
काला दिवस
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Published : May 22, 2021, 8:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार आज भी कृषि बिलो के विरुद्ध एकजुट है. किसानों ने एक बार फिर वार्ता का प्रस्ताव देकर पहल की है. अब सरकार की जिम्मेदारी है कि बातचीत को आगे बढ़ाकर किसानों की समस्या का समाधान किया जाए. सरकार तीनो कृषि कानून वापस कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाए. सरकार ने दालों के आयात से जो प्रतिबंध वापस लिए है उससे दाल के किसानों में भी आत्महत्या बढ़ेगी. यह आदेश भी किसानों का डेथ वारंट ही साबित होगा. सरकार ने कॉरपोरेट के सामने समर्पण कर दिया है. देश की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है.

यह भी पढ़ें:- विराट कोहली को बल्लेबाजी सिखाने वाले कोच सुरेश बत्रा निधन

किसान आंदोलन के 6 माह पूरे

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए कुछ दिशा-निर्देश भी तय किए गए हैं जिसका पालन रास्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर ग्राम अध्यक्ष तक किया जाना है.

किसान वाहनों पर काला झंडा फहराएंगे

धर्मेंद मलिक के मुताबिक 26 मई को सभी किसान अपने घरों, वाहनों पर काला झंडा फहराएंगे. अपने गांव में चौराहे पर इकट्ठा होकर तीनों कृषि कानून को वापस किये जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग करते हुए सरकार का पुतला दहन करेंगे. कार्यक्रम का सभी लोग अपनी फेसबुक पर लाइव करेंगे. फोटो लेंगे और दो-दो मिनट के वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर भेजे जाएंगे. सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित कर दिया गया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रावक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार आज भी कृषि बिलो के विरुद्ध एकजुट है. किसानों ने एक बार फिर वार्ता का प्रस्ताव देकर पहल की है. अब सरकार की जिम्मेदारी है कि बातचीत को आगे बढ़ाकर किसानों की समस्या का समाधान किया जाए. सरकार तीनो कृषि कानून वापस कर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाए. सरकार ने दालों के आयात से जो प्रतिबंध वापस लिए है उससे दाल के किसानों में भी आत्महत्या बढ़ेगी. यह आदेश भी किसानों का डेथ वारंट ही साबित होगा. सरकार ने कॉरपोरेट के सामने समर्पण कर दिया है. देश की अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है.

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किसान आंदोलन के 6 माह पूरे

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक के मुताबिक किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है. जिसके लिए कुछ दिशा-निर्देश भी तय किए गए हैं जिसका पालन रास्ट्रीय कार्यकारिणी से लेकर ग्राम अध्यक्ष तक किया जाना है.

किसान वाहनों पर काला झंडा फहराएंगे

धर्मेंद मलिक के मुताबिक 26 मई को सभी किसान अपने घरों, वाहनों पर काला झंडा फहराएंगे. अपने गांव में चौराहे पर इकट्ठा होकर तीनों कृषि कानून को वापस किये जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाए जाने की मांग करते हुए सरकार का पुतला दहन करेंगे. कार्यक्रम का सभी लोग अपनी फेसबुक पर लाइव करेंगे. फोटो लेंगे और दो-दो मिनट के वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर भेजे जाएंगे. सभी जिला अध्यक्षों को निर्देशित कर दिया गया है.

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